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आखिर राज्यपाल को सौंपे गये बंद लिफाफे के अंदर क्या था ? अरविंद शर्मा को बड़ी जिम्मेदारी मिलना तय!

हिमांशु पुरी, सलाहकार संपादक।
लखनऊ। रविवार का दिन यूपी की सियासत का सबसे गर्म दिन रहा है। बीजेपी के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की मुलाकात से सियासी हंगामा और ड्रामा तेज हो गया है। ऐसे में अटकलों का बाजार और भी गर्म हो गया है। योगी मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार राधामोहन सिंह ने मुलाकात के दौरान राज्यपाल को एक लिफाफा दिया। सूत्रों की माने तो इस लिफाफे में उन लोगों के नाम हैं जिनको योगी के मंत्रिमंडल विस्तार में जगह मिलनी है और इसमें एक प्रमुख नाम जिस पर लंबे वक्त से चर्चाओं का बाजार गर्म है वह है अरविंद शर्मा का माना जा रहा है। इनको अगले कुछ ही दिनों में होने वाले यूपी मंत्रिमंडल विस्तार के तहत एक बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है।राज्यपाल से मुलाकात होने से पहले मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों को खारिज करते हुए राधा मोहन का कहना है प्रदेश प्रभारी बनने के बाद से उनकी राज्यपाल से भेंट नहीं हुई है। राज्यपाल से उनकी शिष्टाचार भेंट है। कोई राजनीतिक मकसद नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष से भी शिष्टाचार भेंट होनी है।


दरअसल, छह महीने बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि योगी कैबिनेट में फेरबदल होगा और एमएलसी बने अरविंद शर्मा को कैबिनेट में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि, भाजपा के पदाधिकारी इससे इनकार कर रहे हैं लेकिन पार्टी पदाधिकारियों की बैठकें और भाजपा प्रभारी की राज्यपाल से मुलाकात को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी और पूर्व आईएएस, मौजूदा एमएलसी अरविंद शर्मा को उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में बड़ी जिम्मेदारी मिलना लगभग तय है इनके अलावा और भी कई लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा इस बात को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं हालांकि वह कौन नाम होंगे जिनको मंत्रिमंडल विस्तार में योगी कैबिनेट में जगह मिलेगी इस पर अभी कुछ कहना मुश्किल है।

कोरोना काल में पूरब से पश्चिम तक एक्टिव मोड में रहे अरविंद कुमार शर्मा
लखनऊ। योगी योगी कैबिनेट के विस्तार के वक्त जिस तरीके से प्रधानमंत्री के सबसे करीबी आईएएस अधिकारी रहे अरविंद शर्मा का नाम तेज चर्चाओं में है वहीं बीते कुछ महीनों में इनके कामकाज की अगर समीक्षा की जाए तो यह बात से स्पष्ट हो जाएगी कि उन्होंने अपनी मौजूदगी लगभग समस्त उत्तर प्रदेश में बेहद मजबूती से दर्ज कराई। कोरोना काल में जिस वक्त उत्तर प्रदेश में भयावह स्थिति थी, लोग ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड पाने के लिए दर-दर भटक रहे थे। उस वक्त एमएलसी अरविंद शर्मा ने प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से इसकी कमान संभाली। शुरुआती कुछ दिनों में वाराणसी और उसके आसपास के क्षेत्रों में कोविड-19 के मैनेजमेंट को संभाला और फिर लगभग पूर्वी उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों में एके शर्मा ने दौरा किया। अधिकारियों के साथ मीटिंग की। वह इस दौरान लगातार पीएम मोदी द्वारा भेजी जा रही सुविधाओं को ट्विटर के जरिए जनता के बीच रखते रहे। जो खासा चर्चा में रहा।

वहीं उसके बाद श्री शर्मा पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तरफ चल पड़े और यहां उन्होंने कई जिलों में दौरे किए। अधिकारियों के साथ मीटिंग की और कोविड-19 की तैयारियों पर चर्चा की। जिससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि योगी मंत्रिमंडल में आने से पूर्व ही एमएलसी अरविंद शर्मा किस कदर उत्तर प्रदेश में सरकारी कामकाज में एक्टिव मोड में नजर आने लगे थे।

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