आखिर क्यों सीडीपीओ के लिए जमकर उड़ाई जा रही शासनादेश की धज्जियां? जानें पूरा मामला

सीतापुर। सीतापुर बाल पुष्टाहार विभाग के भी अजब कारनामे सामने आ रहे हैं आखिर यह विभाग एक सीडीपीओ पर ही मेहरबान क्यों है जिसके लिए शासनादेशों की धज्जियां जमकर उड़ाई जा रही हैं।
जानकारी हो कि सीतापुर जिले के ब्लाक सकरन में तैनात सीडीपीओ अनूप कुमार जिन्हें लेकर विभागीय अधिकारियों ने शासनादेश की ही धज्जियां उड़ा दी है।
सीडीपीओ अनूप को सकरन के साथ-साथ खैराबाद का चार्ज भी दे दिया गया जबकि दोनों ब्लॉकों के बीच की दूरी कि यदि बात करें तो करीब 45 किलोमीटर की है उसके बावजूद भी सीडीपीओ अनूप कुमार को विभाग के आला अफसरों ने चार्ज दे दिया जबकि खैराबाद के पास के ब्लॉक के किसी सीडीपीओ को यह चार्ज दिया जा सकता था।
वैसे यदि शासनादेश में नियमों की माने तो जिस ब्लॉक में सीडीपीओ नहीं है वहां विभागीय निर्देश हैं कि वहां पर वरिष्ठतम मुख्य सेविका को सीडीपीओ का अतिरिक्त प्रभार देकर कार्य कराया जाए जबकि खैराबाद में ऐसा नहीं है जबकि बेहटा और गोंदलामऊ में यह नियम लागू है।
अब सवाल यह उठता है कि सकरन सीडीपीओ को खैराबाद जैसी जगह जोकि काफी दूरी पर है उसका चार्ज देने के लिए शासन के नियमों की क्यों धज्जियां सीतापुर में उड़ाई जा रही हैं आखिर क्या वजह है जब इस मामले में जिला आंगनवाड़ी अधिकारी राज कपूर से बात की गई तो उनका साफ कहना था कि आपको सकरन, खैराबाद दिख रहा है बेहटा, गोंदलामऊ की स्थिति आपको नहीं मालूम है वहां सीडीपीओ नहीं है।
मुख्य सेविका को चार्ज दिया गया लेकिन वह वहां काम नहीं कर पाती हैं रिपोर्ट नहीं भेज पाती है। जिसे लेकर सकरन अनूप कुमार को खैराबाद का चार्ज दिया गया उन्होंने यह स्वीकार किया कि शासनादेश के मुताबिक वरिष्ठम मुख्य सेविका को चार्ज दिया जाना चाहिए लेकिन फाइनेंसियल मामला सीडीपीओ देखें इसके लिए आदेश आया है जिसे लेकर सीडीपीओ से कार्य कराया जा रहा है जबकि सीडीपीओ की संख्या जनपद में 8 है।