निदेशक प्रशासन के एक आदेश से हिली स्वास्थ कर्मियों की सल्तनत !कर्मचारियों और शाशन की वार्ता हुई विफल, जानें क्या हुई वार्ता ?

लखनऊ। इन दिनों स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रशासन राजा गणपत राव के ट्रांसफर आदेश से संपूर्ण उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है….. जहां एक और कर्मचारी संघ डंटा हुआ है वहीं दूसरी ओर निदेशक प्रशासन, 20 -20 साल से एक ही कुर्शी पर जमे बाबुओं के द्वारा स्वास्थ्य महकमे में फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कमर कसे हुए हैं।
मामला उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग का है। जहां प्रत्येक जनपद में सीएमओ और सीएमएस कार्यालयों में करीब 20- 20 वर्षों से बाबू एक ही कुर्सी पर जमे हुए थे…. जिसे लेकर इस बार निदेशक प्रशासन राजा गणपत राव ने जो आदेश जारी किया उससे उन बाबुओं की चल रही एक छत्र सल्तनत तो खत्म हो जाएगी वहीं उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर रोक लग जायेगी।
आपको बता दें कि प्रत्येक वर्ष जो ट्रांसफर आदेश जारी होते थे उन्हें यह स्वास्थ विभाग के बाबू अपने धनबल और अपनी लंबी पहुंच के चलते अपने ट्रांसफर सदैव रुकवा लेते थे लेकिन इस बार ऐसा मुमकिन नहीं हो रहा है आज कर्मचारी संघ के प्रदेश व्यापी आंदोलन में शासन और प्रदेश के पदाधिकारियों की वार्ता भी विफल हो गई।
प्रदेश के कर्मचारी संघ की यह मांग थी कि ट्रांसफर सूची को निरस्त कर दिया जाए लेकिन शासन द्वारा इस मांग को मना कर दिया गया और कर्मचारियों को नवीन तैनाती स्थल पर जाने का आदेश दे दिया गया है। प्रदेश के अधिकांश जनपदों में 50 प्रतिशत लोगों को कार्यमुक्त किया जा चुका है और शेष को 29 तारीख तक कार्यमुक्त किया जा सकता है ।
ऐसे में कर्मचारी संघ ने लगातार स्वास्थ्य विभाग में कार्य बहिष्कार कर रखा है कर्मचारी संघ की मांग है की ट्रांसफर सूची को पूरी तरह निरस्त कर दिया जाए क्योंकि यह नीति- नियम के विपरीत बनाई गई है…. जबकि निदेशक प्रशासन के द्वारा कल कुछ लोगों के ट्रांसफर को निरस्त किया गया और महिलाओं को दूरगामी जनपदों से हटाकर आस पड़ोस के जनपदों में कर दिया गया है लेकिन 20-20 वर्षों से तैनात कर्मचारियों के ट्रांसफर में कोई भी फेरबदल नहीं किया गया है
…..ऐसे में यदि स्वास्थ्य कर्मचारी इस आदेश का पालन करते हुए नवीन तैनाती स्थल पर कार्य करते हैं तो यह माना जा रहा है कि निदेशक प्रशासन का यह कदम काफी सराहनीय होगा और स्वास्थ विभाग में फैले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए काफी कारगर साबित होगा।