मैक में बड़ा बदलाव करेगी Apple, डिवाइस में टच स्क्रीन जोड़ेगी कंपनी

नई दिल्ली. ऐपल अपने मैक कंप्यूटरों में टच स्क्रीन जोड़ने पर काम कर रही है. यह एक ऐसा कदम है, जो लंबे समय से चली आ रही कंपनी के रूढ़िवाद नीति को तोड़ देगा और एक ऐसे दृष्टिकोण को अपनाएगा, जिसे कंपनी के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स ने कभी भयानक कहा था.जानकारी के मुताबिक ऐपल के इंजीनियर्स सक्रिय रूप से इस परियोजना पर काम कर रहे हैं. इससे पता चलता है कि ऐपल पहली बार टच-स्क्रीन मैक बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है. फिलहाल इसकी लॉन्चिंग को अंतिम रूप नहीं दिया गया है. ऐसे में कंपनी की योजनाएं कभी भी बदल सकती हैं.
टच स्क्रीन को लेकर कंपनी एक दशक से भी अधिक समय से तर्क देती आ रही है कि टच स्क्रीन लैपटॉप पर अच्छी तरह से काम नहीं करती है और अगर कोई टच इंटरफ़ेस चाहता है, तो उसके लिए आईपैड एक बेहतर विकल्प हो सकता है. हालांकि, Apple को इस बात की भी चिंता रही है है कि टच-स्क्रीन से Mac और iPad की सेल कम हो सकती है.
वहीं, दूसरी ओर कंपनी की प्रतिद्वंद्वियों कंपनियों ने तेजी से अपने कंप्यूटर में टच स्क्रीन जोड़ी है, जिससे ऐपल पर ऐसा करने का दबाव बढ़ गया है. हाल के वर्षों में एक मैक का बिजनेज iPad की तुलना में काफी बढ़ गया है और कंपनी इसे आगे भी बनाए रखना चाहती है.
2025 में आ सकता है टच-स्क्रीन मैक
मौजूदा आंतरिक विचार-विमर्श के आधार पर कंपनी 2025 में मैकबुक प्रो के बड़े अपडेट के रूप में अपना पहला टच-स्क्रीन मैक लॉन्च कर सकती है. इस बारे में क्यूपर्टिनो स्थित ऐपल के एक प्रतिनिधि ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. इस बीच बुधवार को Apple के शेयर 2.1% बढ़कर 133.49 डॉलर हो गए.
पारंपरिक लैपटॉप डिजाइन
फिलहाल Apple के पहले टच-स्क्रीन मैकबुक प्रो के लिए पारंपरिक लैपटॉप डिजाइन को बनाए रखे सकती है, जिसमें एक स्टैंडर्ड ट्रैकपैड और कीबोर्ड शामिल है, लेकिन लैपटॉप की स्क्रीन टच इनपुट को सपोर्ट करेगी. बिल्कुल iPhone या iPad की तरह. समय के साथ Apple अपने अधिक मैक मॉडल के लिए टच सपोर्ट का विस्तार कर सकता है.