सरकारी अस्पताल में जलाई गई दवाएं,मचा हड़कंप,सीएमओ ने कहा होगी कार्यवाही ?देंखें वीडियो एक्सक्लूसिव NEWJ 9 पर

सीतापुर। स्वास्थ्य महकमे में अजीबोगरीब कारनामे रोजाना सामने आते हैं। एक ऐसा ही मामला सामने आया है सीतापुर के एक सरकारी एफआरयू अस्पताल का। जहां अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा मरीजों को दी जाने वाली दवा ही जला दी गई। यह मामला सीतापुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लहरपुर का है।

सूत्रों की माने तो लहरपुर अस्पताल के कर्मचारियों ने एक न्यायाब तरीका खोज निकाला है। यहां दवाइयों के एक्सपायर होने व एक्सपायरी डेट के नजदीक आने पर पहले तो उसे टुकड़ों टुकड़ों में खोल दिया गया और फिर उसे जला दिया जाता है। यही नही अस्पताल के कंज्यूम रजिस्टर पर दवा की एंट्री कर दी जाती है और यह दर्शाया जाता है कि सारी दवाएं जो अस्पताल में थी, वह मरीजों को बांट दी गई हैं। जबकि हकीकत कुछ और ही है। वहीं सूत्रों की माने तो जब कोई मरीज इस अस्पताल में अपने आप को किसी बीमारी को दिखाने डॉक्टर के पास जाता है तो डॉक्टर उसे 5 से 6 दिन की दवा देने की सलाह पर्चे पर देता है लेकिन अस्पताल के दवा काउंटर से उसे मात्र 1 दिन की दवा दी जाती है जिसकी वजह से अस्पताल में दवा का स्टॉक बढ़ जाता है। वहीं जब दवा की एक्सपायरी डेट भी नजदीक आने लगती है तो अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा दवाओं को जला दिया जाता है। वह इस मामले में सीएमओ सीतापुर ने NewJ 9 से कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। यह मामला आप से ही पता चल रहा है। इसका वीडियो भेजिए, मैं स्पष्टीकरण लूंगी।

क्यों जलाई जाती हैं दवाएं?
सीतापुर। अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा मरीजों को दो-दो टेबलेट दवा दी जाती है और धीमे-धीमे दवा का स्टॉक अस्पताल में बढ़ता जाता है। ऐसे में जब दवा की एक्सपायरी डेट नजदीक आ जाती है तब अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा दवाओं की पैकिंग को खोल कर उन्हें जला दिया गया है।

एक्सपायर दवाओं का क्या होना चाहिये?
सीतापुर। यदि यह जलायी गयी दवाएं एक्सपायरी थी तो नियमों की माने तो अस्पताल के कंजप्शन दवा के रजिस्टर पर एक्सपायर हुई दवा का विवरण दिया जाना चाहिये था और सीतापुर सीएमएसडी स्टोर को एक्सपायर हुई दवा वापस कर देनी चाहिए।

Related Articles

Back to top button