Newj 9 Impact- सीडीओ अक्षत वर्मा ने मनरेगा वॉल पेंटिंग में हुए घोटाले की जांच के दिये निर्देश ! जानिए क्या है पूरा मामला ?

लखनऊ। Newj 9 की खबर का एक बार फिर बड़ा असर देखने को मिला है। मनरेगा योजना के तहत करीब 70 लाख रुपये की कराई गई वॉल पेंटिंग घोटाले के मामले में अब सीडीओ सीतापुर द्वारा इस मामले में जांच कमेटी बना दी गई है।

मामला सीतापुर जिले के मनरेगा विभाग का है। जहां बीती 15 जुलाई को न्यूज 9 द्वारा ठेंगें पर आयुक्त का शासनादेश! मनरेगा विभाग में चहेती फर्म को दे दिया करीब 70 लाख रुपए का कार्य! की इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। जिसके बाद सीडीओ सीतापुर अक्षत वर्मा द्वारा इस मामले में परियोजना निदेशक ग्राम विकास विभाग, जिला विकास अधिकारी, और अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को मामले की जांच सौंप दी है। जांच कमेटी द्वारा जल्द से जल्द इस मामले की जांच करके सीडीओ सीतापुर को देने के आदेश दे दिए गए हैं।

आपको बता दें कि कुछ समय पूर्व वित्तीय वर्ष 2020-2021 में मनरेगा योजना के अंतर्गत वॉल पेंटिंग का कार्य कराया गया था। दिनांक 29 जून 2020 के आयुक्त ग्राम विकास के रविंद्र नायक के शासनादेश के अनुसार मनरेगा योजना के अंतर्गत वॉल पेंटिंग के कार्य को महिलाओं द्वारा स्वयं सहायता समूह के माध्यम से कराए जाने का आदेश जारी किया गया था।लेकिन सीतापुर विकास विभाग के अफसरों ने आयुक्त के उक्त शासनादेश को ठेंगा दिखाकर अपनी चहेती फर्म से लाखों का कार्य करा लिया गया।

आपको बता दें कि हरगांव, परसेंडी, लहरपुर, महमूदाबाद,रामपुर मथुरा, सकरन, महोली में मनरेगा के प्रशासनिक मद के अंतर्गत 2020-2021 में वॉल पेंटिंग का कार्य कराया गया है जोकि सूत्रों की माने तो बहराइच की किसी फर्म के द्वारा इन ब्लाकों के अंतर्गत दूरगामी ग्राम पंचायतों में वॉल पेंटिंग का कार्य कराया गया और कार्य करा कर सारा भुगतान करीब 9-9 लाख रुपए का ब्लॉकों के माध्यम से  एक साथ एक ही फर्म को कर दिया गया।

इसके लिए ना तो कोई टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई ना ही इसकी कोई जानकारी किसी को दी गई जबकि आयुक्त के शाशनादेश में साफ निहित है कि किसी स्वयं सहायता समूह महिलाओं के द्वारा ही वॉल पेंटिंग का कार्य कराया जाएगा जबकि ऐसा विकास विभाग के अफसरों ने नहीं किया हैरानी की बात तो यह है कि जब इस मामले में हरगांव परसेंडी रामपुर मथुरा समेत कई खंड विकास अधिकारियों से newj9 की टीम ने फोन पर बात करी थी तो उनका साफ कहना था कि इस मामले में आप उपायुक्त मनरेगा सुशील श्रीवास्तव से बात करें उन्हीं को पूरी जानकारी है।

जबकि वॉल पेंटिंग का भुगतान बीडीओ ने किया उसके बावजूद भी बीडीओ को कोई जानकारी इस विषय पर नहीं है। जब इस मामले में जिले के डीसी मनरेगा सुशील श्रीवास्तव से बात की गई थी तो उन्होंने कहा था कि स्वयं सहायता समूह कार्य नहीं कर सकता था तो किसी अन्य से कराया गया। जबकि उनके पास ऐसा कुछ लिखित में नही है।

(रिपोर्ट- सुधांशु पुरी)

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