अब घर से बैठकर कार्य कर रहे है स्वास्थ कर्मचारी ! किसी ने अब तक नही किया जॉइन, कर्मचारियों को दिखावे के लिए कर दिया सीएमओ ने रिलीव !


लखनऊ। सीतापुर स्वास्थ्य महकमे की महिमा अजब है। यहां अधिकारी, कर्मचारियों को कैसे बचाते हैं और अपने चहेते  कर्मचारियों के ट्रांसफर को रुकवाने के लिए और उनसे कार्य कराने के लिए कितने उतावले हैं यह इस बार कर्मचारियों के ट्रांसफर आदेश के बाद साफ दिखाई दे रहा है। सीएमओ सीतापुर द्वारा कर्मचारियों को रिलीव तो कर दिया गया लेकिन वह कर्मचारी अभी तक अपनी नवीन तैनाती स्थल पर ज्वाइन नहीं किए हैं और सूत्रों की माने तो घर पर बैठकर लैपटॉप के सहारे कार्य कर रहे हैं।

मामला उत्तर प्रदेश जनपद सीतापुर का है। जहां स्वास्थ्य महकमे में कर्मचारी 25 -25 वर्षों से अपनी एक ही कुर्सी पर अंगद के पांव की तरह जमे हुए हैं और सूत्रों की माने तो इन कर्मचारियों ने  ठेकेदारों के साथ गठजोड़ करके करोड़ों,अरबों की संपत्ति को भी अधिकारियों के संरक्षण में जमा कर लिया है और इन कर्मचारियों ने राजधानी लखनऊ तक मकान और प्लाट समेत करोड़ों की संपत्ति को बना लिया है।
  ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा वह कदम उठाया गया जो आज तक स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सोचा भी ना होगा। निदेशक प्रशासन द्वारा सीतापुर जिले के करीब 31 बाबुओं के ट्रांसफर को कर दिया गया और इन कर्मचारियों को करीब  300- 400 किलोमीटर दूर जनपदों में भेज दिया गया….. शुरुआती दौर में इन कर्मचारियों द्वारा सफेदपोश नेताओं और अपने संगठन के बलबूते ट्रांसफर रुकवाने को लेकर काफी जोर आजमाइश करनी पड़ी लेकिन निदेशक प्रशासन राजा गणपतराव द्वारा काफी सख्ती दिखाने के बावजूद सीएमओ सीतापुर डॉ मधु गैरोला ने दिखावे के लिए इन सभी कर्मचारियों को रिलीव तो कर दिया लेकिन इन चहेते बाबुओं से कार्य कैसे कराया जाए इसका भी न्यायाब तरीका निकाल लिया, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी जिनके ट्रांसफर गैर जनपदों में दूरदराज इलाकों में हो चुके हैं उन सभी कर्मचारियों ने कुछ ने तो मेडिकल ले लिया है और कुछ लोग घर से बैठकर लैपटॉप के सहारे लगातार स्वास्थ विभाग सीतापुर का कार्य कर रहे हैं या यूं कहें वह अपनी कुर्सी का कार्य बदस्तूर संभाले हुए हैं।
ऐसा नहीं है कि स्वास्थ अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं लेकिन आखिर क्या वजह है की सीएमओ सीतापुर इन कर्मचारियों से लगातार कार्य करा रही है। आखिर सीएमओ सीतापुर इन कर्मचारियों पर क्यों मेहरबान है आखिर यह बाबू जनपद छोड़ने के लिए तैयार क्यों नहीं है, अपने नवीन तैनाती स्थल पर जाने के लिए आखिरकार यह तैयार क्यों नहीं है यह एक यक्ष प्रश्न बना हुआ है।

रिपोर्ट – सुधांशु पुरी

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