दवाओं के निस्तारण में हो रही लापरवाही

सीतापुर। बाराबंकी जनपद में दवाओं के जलाने से बच्चों के बीमार होने का मामला सामने आया है। जिले में ऐसी घटना तो नहीं हुई लेकिन दवाओं को जलाने व बायो वेस्ट के निस्तारण में लापरवाही की खामियां उजागर होती रही हैं। ऐसे में अफसरों की लापरवाही से जिले में भी इस तरह की घटनाओं से इंकार नहीं किया सकता है।गुरुवार को जिला अस्पताल की रियलटी परखी गई तो बायो वेस्ट के निस्तारण में लापरवाही दिखाई दी। जिला अस्पताल में कई जगहों पर खुले में सिरिंज व दवाओं के रैपर डाल दिए गए थे। इससे संक्रमण फैलने की आशंका बनी हुई है।
इससे पहले सीएमओ ने करीब एक माह पहले प्राइवेट नर्सिंग होम की चेकिंग कराई थी। कई अस्पतालों में बायो वेस्ट का निस्तारण सही ढंग से न होने पर करीब 10 नर्सिंग होम को चेतावनी दी गई थी। बावजूद इसके निस्तारण नहीं हो पा रहा है।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरके सिंह का कहना है कि बायो वेस्ट के लिए अलग से टेंडर चल रहा है। वहां के कर्मचारी आकर अलग-अलग तरीके से बायो वेस्ट लेते है। फिर वह मशीनों के माध्यम से इसका निस्तारण करते हैं। इसे कहीं खुले स्थानों पर नहीं डाला जाता है।
जला दी गई थीं दवाएं
लहरपुर इलाके में नवीनगर के पास करीब तीन माह पूर्व कुछ दवाएं जला दी गई थीं। इसका सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ था। उसके बाद अफसरों ने जांच करवाने की बात कही थी लेकिन मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। ये सरकारी दवाएं होने का दावा किया जा रहा था।
जमीन पर पड़े मिले इंजेक्शन
जिला अस्पताल में गुरुवार को इमरजेंसी कक्ष के बाहर कुछ इंजेक्शन जमीन पर पड़े दिखाई दिए। जिला अस्पताल में बायो वेस्ट मटेरियल का सही ढंग से निस्तारण नहीं हो रहा है। कई दवाओं के रैपर एक कोने में फेंक दिए गए।
खुले में डाल देते हैं कूड़ा
शहर में करीब 20 नर्सिंग होम से रोजाना निकलने वाला बायो वेस्ट का निस्तारण बाराबंकी की एक कंपनी के माध्यम से किया जाता है। यहां पर इस कंपनी के कर्मचारी रोजाना आते हैं, वह बायो वेस्ट लेकर चले जाते हैं। कई बार यह प्राइवेट नर्सिंग होम बाहर ही बायो वेस्ट डाल देते हैं।
जांच करके होती है कार्रवाई
शासन की तरफ से जो भी दवाएं आती हैं अगर वह एक्सपायर हो जाती हैं तो उनको वापस कर दिया जाता है। कहीं पर भी इन्हें खुले में नहीं डाला जाता है। प्राइवेट नर्सिंग होम की लगातार जांच होती है। अगर वह सही तरीके से बायो वेस्ट का निस्तारण नहीं करते हैं तो नोटिस देकर कार्रवाई की जाती है।