49 वर्ष के हुए सीएम योगी आदित्यनाथ, यह है अब तक का सियासी सफर ! पढ़ें

हिमांशु पुरी, सलाहकार संपादक।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को 49 साल से हो गए हैं। उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के पंचूर गांव में 5 जून वर्ष 1972 को जन्मे अजय सिंह बिष्ट गोरखपुर पहुंचकर योगी आदित्यनाथ बने। गोरक्षनाथ पीठाधीश्वर ने उन्हें योगी बनाया। मौजूदा समय मे वह देश के सबसे बड़े सूबे यूपी की सत्ता के सिंहासन पर विराजमान हैं। महज 26 साल की उम्र में संसद पहुंचने वाले योगी आदित्यनाथ 45 साल की उम्र में यूपी के सीएम बने। प्रदेश की नहीं बल्कि देश की सियासत में उन्हें हिंदुत्ववादी नेता के तौर पर जाना जाता है।
योगी आदित्यनाथ का जन्म उत्तराखंड के सामान्य राजपूत परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री देवी है। योगी ने 1989 में ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से 12वीं पास की और 1992 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी की पढ़ाई पूरी की। छात्र जीवन में ही वो राममंदिर आंदोलन से जुड़ गए थे।
90 के दशक में राममंदिर आंदोलन के दौरान ही योगी आदित्यनाथ की मुलाकात गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम हुई। इसके कुछ दिनों बाद योगी अपने माता-पिता को बिना बताए गोरखपुर जा पहुंचे और जहां संन्यास धारण करने का निश्चय लेते हुए गुरु दीक्षा ले ली। महंत अवैद्यनाथ भी उत्तराखंड के रहने वाले थे। जिन्होंने अजय सिंह बिष्ट को योगी आदित्यनाथ बनाया। गोरखनाथ मंदिर के महंत की गद्दी का उत्तराधिकारी बनाने के चार साल बाद ही महंत अवैद्यनाथ ने योगी आदित्यनाथ को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी भी बना दिया। गोरखपुर से महंत अवैद्यनाथ चार बार सांसद रहे, उसी सीट से योगी 1998 में 26 वर्ष की उम्र में लोकसभा पहुंचे और फिर लगातार 2017 तक पांच बार सांसद रहे।
सांसद बने तो बदल दिए मोहल्लों के नाम
सियासत में कदम रखने के बाद योगी आदित्यनाथ की छवि एक कठोर हिंदुत्ववादी नेता के तौर पर उभरी। सांसद रहते हुए गोरखपुर जिले को अपने नियम अनुसार चलाने और त्वरित फैसलों से सबको चकित किया। इसी के चलते योगी के सियासी दुर्ग को न तो मुलायम सिंह का समाजवादी भेद पाया और न ही मायावती की सोशल इंजीनियरिंग काम आई। गोरखपुर में योगी का हिंदुत्व कार्ड ही हावी रहा। उन्होंने तमाम मोहल्लों के पुराने नाम बदल कर नए नाम रखे। जैसे मियां बाजार को माया बाजार। अलीपुर को हनुमानपुर।
हिन्दू युवा सम्राट ने बनाई हिन्दू युवा वाहिनी
योगी आदित्यनाथ ने अपनी निजी सेना हिंदू युवा वाहिनी का निर्माण किया। जो गौ सेवा करने व हिंदू विरोधी गतिविधियों से निपटने के लिए बनाई गई। हिंदू युवा वाहिनी ने गोरखपुर में ऐसा माहौल तैयार किया, जिसके चलते आज तक उन्हें कोई चुनौती नहीं दे सका। एक तेजतर्रार राजनीतिज्ञ के रूप में अपनी छवि योगी आदित्यनाथ ने बना ली थी।
कट्टर हिन्दू नेता से बने सीएम
2017 में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला तो सीएम के लिए कई चेहरे दावेदार थे, लेकिन बाजी योगी के हाथ लगी। योगी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने फैसलों से अपनी राजनीतिक इच्छा को जाहिर कर दिया। हालांकि प्रदेश में हुए एनकाउंटरों के कारण विपक्ष ने उंगलियां भी उठाईं, लेकिन कानून-व्यवस्था पर सख्त योगी पर इसका खास प्रभाव नहीं हुआ। कोरोना संकट में सीएम योगी सीधे तौर पर सक्रिय नजर आए हैं।