उत्तर प्रदेश में डिस्कॉम निजीकरण के खिलाफ 9 जुलाई को देशव्यापी बिजली हड़ताल

उत्तर प्रदेश की दो बड़ी बिजली वितरण कंपनियों—पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड—के निजीकरण के खिलाफ देशभर के बिजली कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPEF) के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने ऐलान किया है कि 9 जुलाई को देशभर के करीब 27 लाख बिजली कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे, जिससे देश में बिजली आपूर्ति व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है।
निजीकरण के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन
दुबे ने बताया कि बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (NCCOEEE) के नेतृत्व में यह हड़ताल की जा रही है। उनका कहना है कि यूपी सरकार का यह फैसला न केवल गलत है बल्कि यह किसानों और गरीब उपभोक्ताओं को मिलने वाले लाभों को भी खत्म कर देगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड और सरकार के कुछ बड़े अधिकारी चुनिंदा निजी घरानों से मिलकर डिस्कॉम की करोड़ों की संपत्ति औने-पौने दामों पर बेचने की साजिश रच रहे हैं।
देशभर में विरोध की लहर
यह हड़ताल सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहेगी। हैदराबाद, तिरुवनंतपुरम, विजयवाड़ा, चेन्नई, बेंगलुरु, मुंबई, नागपुर, रायपुर, भोपाल, जबलपुर, वडोदरा, राजकोट, गुवाहाटी, शिलांग, कोलकाता, भुवनेश्वर, पटना, रांची, श्रीनगर, जम्मू, शिमला, देहरादून, पटियाला, जयपुर, कोटा, हिसार और लखनऊ जैसे प्रमुख शहरों में बिजली कर्मचारियों द्वारा व्यापक प्रदर्शन किए जाएंगे।
‘बिजली आपूर्ति बाधित हुई तो जिम्मेदार नहीं’
दुबे ने स्पष्ट कहा कि अगर हड़ताल के कारण बिजली आपूर्ति बाधित होती है तो उसकी जिम्मेदारी कर्मचारियों की नहीं होगी, बल्कि यह सरकार की नीतियों का नतीजा होगा।
सरकार पर सवाल
AIPEF ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने यह निजीकरण फैसला वापस नहीं लिया, तो यह आंदोलन और तेज़ किया जाएगा। संगठन का कहना है कि यह कदम सिर्फ मुनाफे के लिए नहीं बल्कि देश की ऊर्जा सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारियों के खिलाफ है।