केदारनाथ यात्रा में बड़ा हादसा: खाई में गिरने से दो यात्रियों की मौत, तीन घायल, एक लापता
रुद्रप्रयाग, – केदारनाथ यात्रा के दौरान एक बार फिर बड़ा हादसा हुआ है। बुधवार को गौरीकुंड और रामबाड़ा के बीच जंगल चट्टी में पोल नंबर 153 के पास कुछ यात्रियों के गहरी खाई में गिरने की खबर सामने आई है। इस हादसे में अब तक दो लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, तीन घायल हैं जबकि एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है।

कैसे हुआ हादसा?
यह घटना बुधवार सुबह करीब 12 बजे की बताई जा रही है। यात्रा पर निकले कुछ श्रद्धालु जंगल चट्टी के पास पहाड़ी रास्ते पर आगे बढ़ रहे थे कि अचानक उनका संतुलन बिगड़ गया और वे नीचे खाई में जा गिरे। जैसे ही इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को मिली, डीडीआरएफ (DDRF) और पुलिस की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।
दो शव बरामद, रेस्क्यू जारी
रेस्क्यू टीम ने अब तक दो अज्ञात यात्रियों के शव और एक घायल व्यक्ति को कंडी की मदद से निकालकर गौरीकुंड भेजा है। बाकी दो घायलों और एक लापता व्यक्ति की तलाश अभी भी जारी है। खाई की गहराई और कठिन भूगोल की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में खासी मुश्किलें आ रही हैं।
मौसम बना सबसे बड़ी चुनौती
उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इन दिनों मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया हुआ है। खराब मौसम और लगातार हो रही बारिश के कारण यात्रा मार्ग फिसलन भरे और खतरनाक हो गए हैं। इससे पहले भी 15 जून को एक यात्री की मौत और दो के घायल होने की खबर आई थी, जब अचानक आए मलबे और बारिश के पानी में यात्री फंस गए थे।
प्रशासन की अपील: मौसम देखकर करें यात्रा
इस दुर्घटना के बाद प्रशासन ने फिर से यात्रियों से अपील की है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों को नजरअंदाज न करें और यात्रा पर निकलने से पहले मौसम की स्थिति जरूर जांचें। प्रशासन ने कहा है कि केदारनाथ जैसे दुर्गम और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में यात्रा करना पूरी सतर्कता और सुरक्षा नियमों के पालन के साथ ही किया जाना चाहिए।
केदारनाथ यात्रा के दौरान बार-बार हो रहे हादसों ने यात्रा सुरक्षा और मॉनिटरिंग व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। श्रद्धालुओं की जान की सुरक्षा के लिए प्रशासन को रेस्क्यू और अलर्ट सिस्टम को और मजबूत बनाने की जरूरत है। वहीं यात्रियों को भी चाहिए कि वे जोखिम उठाने के बजाय प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करें।