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अहमदाबाद विमान हादसे पर पायलट एसोसिएशन ने उठाए सवाल, जांच प्रक्रिया पर जताई आपत्ति

अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया बोइंग 787-8 विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आने के बाद अब इस पर एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (ALPA India) ने गंभीर आपत्ति जताई है। एसोसिएशन ने जांच प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए हैं और कहा है कि जांच में निष्पक्षता और पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है।

कैप्टन सैम थॉमस, जो ALPA इंडिया के अध्यक्ष हैं, उन्होंने एक मीडिया बयान में कहा,“हमें लगता है कि यह जांच पहले से ही यह मानकर की जा रही है कि पायलट दोषी हैं, और हम इस सोच पर कड़ी आपत्ति जताते हैं।”

शुरुआती जांच में क्या सामने आया?

विमान हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के अनुसार, टेकऑफ़ के कुछ ही सेकंड बाद विमान के दोनों इंजन बंद हो गए थे। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर के हवाले से सामने आया है कि जब इंजन की फ्यूल सप्लाई अचानक बंद हो गई, तो एक पायलट दूसरे से पूछता है,

“तुमने कटऑफ़ क्यों किया?”
जवाब मिला – “मैंने नहीं किया।”

हालांकि रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि ये सवाल किस पायलट ने पूछा और किसने जवाब दिया

ALPA India की मांग

पायलट एसोसिएशन का आरोप है कि जांच में ऐसे लोगों को शामिल नहीं किया गया है जो इस स्तर की तकनीकी और उड़ान से जुड़ी जटिलताओं को सही तरीके से समझ सकें। ALPA ने अधिकारियों से मांग की है कि:

  • उन्हें भी जांच प्रक्रिया में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल किया जाए
  • जांच में पारदर्शिता और तकनीकी संतुलन बनाए रखा जाए
  • पहले से किसी निष्कर्ष पर पहुंचने की बजाय तथ्यों पर आधारित निष्कर्ष निकाले जाएं

ALPA के अनुसार, इस तरह के बड़े हादसों की जांच में विमानन विशेषज्ञों, वरिष्ठ पायलटों और स्वतंत्र पर्यवेक्षकों की भागीदारी जरूरी होती है, ताकि किसी एक पक्ष को दोषी ठहराने की बजाय तथ्यों के आधार पर कारणों की पहचान की जा सके।

बता दें कि यह हादसा 12 जून 2025 को दोपहर 1:39 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हुआ था, जब लंदन (गैटविक) जा रहा विमान टेकऑफ़ के कुछ ही मिनटों में बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल से टकरा गया था। हादसे में 229 यात्री, 12 क्रू और 19 जमीन पर मौजूद लोग मारे गए थे।

अब आगे क्या?

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां जैसे AAIB (India), NTSB (USA), AAIB (UK) आदि हादसे की विस्तृत जांच में लगी हैं। ALPA की मांग को लेकर अब नजरें इस बात पर हैं कि क्या जांच टीम में बदलाव किया जाएगा और क्या पायलट पक्ष को सुनवाई का अधिकार मिलेगा।

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