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क्या भरोसे के लायक है जनगणना 2027? अखिलेश ने सरकार पर उठाए सवाल

लखनऊ – केंद्र सरकार ने सोमवार, 16 जून को वर्ष 2027 में होने वाली जनगणना को लेकर औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी है। सरकार की इस घोषणा के साथ ही देश की 16वीं जनगणना की प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत हो गई है। इस बार जनगणना के साथ-साथ जातिगत आंकड़ों को भी शामिल करने की बात कही गई है। हालांकि, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस प्रक्रिया को लेकर बड़ा दावा किया है और बीजेपी सरकार के आंकड़ों पर भरोसा न करने की बात कही है।

अखिलेश यादव का बड़ा बयान

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जनगणना 2027 को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,

“हमें बहुत सतर्क रहना होगा। कहीं ऐसा न हो कि किसी का आंकड़ा कहीं और जोड़ दिया जाए। बीजेपी के आंकड़ों पर किसी को भरोसा नहीं है। इसलिए सभी विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों को एकजुट होकर काम करना होगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि अब जबकि जनगणना की तारीख तय हो चुकी है, सरकार को पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ आंकड़े जुटाने चाहिए।

अधिसूचना में क्या है खास?

गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, देश में जनगणना दो अलग-अलग तारीखों पर की जाएगी:

  • देश के अधिकांश हिस्सों के लिए संदर्भ तिथि: 1 मार्च 2027 की आधी रात
  • हिमालयी और बर्फबारी वाले क्षेत्रों के लिए संदर्भ तिथि: 1 अक्टूबर 2026 की आधी रात

यह फैसला इन क्षेत्रों में मौसम संबंधी कठिन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इस जनगणना के लिए करीब 34 लाख गणनाकर्ता और पर्यवेक्षक तैनात किए जाएंगे, जो 1.3 लाख डिजिटल उपकरणों की सहायता से यह विशाल कार्य संपन्न करेंगे।

दो चरणों में होगी जनगणना

जनगणना 2027, दो चरणों में पूरी की जाएगी:

  1. हाउस लिस्टिंग ऑपरेशन (पहला चरण)
    • इसमें प्रत्येक घर की संरचना, सुविधा, संपत्ति आदि की जानकारी जुटाई जाएगी।
  2. जनसंख्या गणना (दूसरा चरण)
    • इसमें प्रत्येक व्यक्ति के बारे में सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और जनसांख्यिकीय विवरण एकत्र किए जाएंगे।

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