Uncategorized

कानपुर प्रशासनिक विवाद का पटाक्षेप: CMO हरिदत्त नेमी हटाए गए

कानपुर | कानपुर में जिलाधिकारी (DM) जितेंद्र प्रताप सिंह और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. हरिदत्त नेमी के बीच लंबे समय से चल रहा टकराव आखिरकार समाप्त हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद शासन ने डॉ. नेमी को उनके पद से हटा दिया और श्रावस्ती के CMO डॉ. उदय नाथ को नया सीएमओ नियुक्त किया गया है।

इस प्रशासनिक संघर्ष ने सिर्फ ब्यूरोक्रेसी को ही नहीं, बल्कि सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी सपा के नेताओं को भी आमने-सामने ला खड़ा किया। मामला सोशल मीडिया से लेकर सत्ता के गलियारों तक छाया रहा।

विवाद की शुरुआत: DM की छापेमारी और CMO की अनुपस्थिति

फरवरी 2025 में डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने CMO कार्यालय का औचक निरीक्षण किया, जहां सीएमओ समेत कई अधिकारी बिना सूचना के गैरहाज़िर पाए गए। इसके बाद डीएम ने शहर के विभिन्न CHC व PHC का दौरा किया और व्यवस्थाओं में भारी अनियमितता, भ्रष्टाचार और लापरवाही को उजागर किया। डीएम ने शासन को रिपोर्ट भेजकर सीएमओ के तबादले की सिफारिश की।

जल्द ही एक वायरल ऑडियो क्लिप सामने आई जिसमें कथित तौर पर सीएमओ, डीएम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे थे। इसके बाद एक समीक्षा बैठक में डीएम ने सीएमओ को बैठक से बाहर निकाल दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

CMO का बचाव: “मैं साजिश का शिकार”

सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर दावा किया कि वे CBI चार्जशीटेड एक फर्म को 30 लाख की पेमेंट रोकने के चलते साजिश का शिकार हुए हैं।

“मैंने स्वास्थ्य विभाग में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया, लेकिन मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।” – डॉ. नेमी

हालांकि, डीएम समर्थकों और बीजेपी नेताओं ने उनके दावों को मिथ्या और ध्यान भटकाने वाला बताया।

बीजेपी में फूट, सपा को मिला मुद्दा

इस विवाद ने बीजेपी के भीतर भी गुटबाजी उजागर कर दी।

  • विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, एमएलसी अरुण पाठक और विधायक सुरेंद्र मैथानी ने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को पत्र लिखकर सीएमओ का समर्थन किया।
  • जबकि बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा और विधायक महेश त्रिवेदी ने डीएम के समर्थन में मोर्चा खोलते हुए, सीएमओ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।

समाजवादी पार्टी ने इस विवाद को बीजेपी की प्रशासनिक नाकामी बताया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:

“पहले इंजन टकरा रहे थे, अब कोच-गार्ड भी भिड़ने लगे हैं। जनता पिस रही है और बीजेपी का प्रशासन लड़ रहा है।”

मुख्यमंत्री का फैसला और नई नियुक्ति

विवाद बढ़ता देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्णय लिया। शासन ने डॉ. हरिदत्त नेमी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया और डॉ. उदय नाथ को कानपुर का नया CMO नियुक्त किया।

सूत्रों के अनुसार, सीएम योगी ने इसे पार्टी और सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला मसला मानते हुए शीघ्र समाधान के निर्देश दिए थे।

जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह को लेकर जनता की सहानुभूति और समर्थन देखने को मिला।

“डीएम साहब ने सिस्टम में सुधार की कोशिश की, इसलिए उन्हें टारगेट किया जा रहा था।” – एक सोशल मीडिया यूज़र

वहीं, सीएमओ के समर्थकों ने इसे एक राजनीतिक साजिश और “सिस्टम से लड़ने वाले अधिकारी की बलि” करार दिया।

नए CMO के सामने चुनौतियां

डॉ. उदय नाथ के सामने अब कानपुर की बिखरी हुई स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने की चुनौती है। डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने साफ किया कि:

“प्रशासनिक अनुशासन, पारदर्शिता और सेवा का स्तर प्राथमिकता रहेगा। जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए टीमवर्क जरूरी है।”

Related Articles

Back to top button