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विश्व को भारत का योग मंत्र: विशाखापट्टनम से पीएम मोदी का संदेश

विशाखापत्तनम | 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विशाखापत्तनम का दृश्य ऐतिहासिक रहा, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 3 लाख लोगों के साथ सामूहिक योगाभ्यास किया। इस वर्ष की थीम रही – “Yoga for One Earth, One Health”, जो प्रकृति और मानव स्वास्थ्य के बीच संतुलन पर आधारित है।

प्रधानमंत्री मोदी का संदेश: योग मानवता को जोड़ने वाला सूत्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा –

“योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने का साधन नहीं, बल्कि यह आत्मिक शांति और वैश्विक एकता का सेतु है। योग हिमालय की ऊंचाइयों से लेकर समुद्र की गहराइयों तक, हर स्थान और हर व्यक्ति के लिए है।”

उन्होंने याद दिलाया कि 11 साल पहले भारत ने जब संयुक्त राष्ट्र में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित करने का प्रस्ताव रखा था, तो 175 देशों ने इसका समर्थन किया – जो आज योग की वैश्विक लोकप्रियता का प्रमाण है।

Yoga 2.0: योग को नीति का हिस्सा बनाने का आह्वान

पीएम मोदी ने विश्व समुदाय से आग्रह किया कि वर्ष 2025 से योग 2.0 की शुरुआत की जाए –

“अब समय है कि हम योग को केवल व्यक्तिगत अभ्यास न मानें, बल्कि इसे वैश्विक नीति और मानवता के पुनर्निर्माण का आधार बनाएं।”

उन्होंने कहा कि योग “मैं” से “हम” की यात्रा है, जो तनाव, भ्रम और असंतुलन से उबारकर व्यक्ति को विश्वकल्याण की दिशा में प्रेरित करता है।

योग – व्यायाम नहीं, जीवन जीने की कला

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर दोहराया कि –

“योग केवल एक एक्सरसाइज नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक सशक्त प्रणाली है। यह हमें चिंता, मानसिक अस्थिरता और आत्मविस्मृति से मुक्त करता है।”

सीएम चंद्रबाबू नायडू ने सराहा पीएम मोदी का योग मिशन

इस ऐतिहासिक योग समारोह में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू भी शामिल हुए। उन्होंने पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा –

“प्रधानमंत्री मोदी ने योग को न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण के आंदोलन में तब्दील कर दिया है।”

नायडू ने बताया कि इस वर्ष योग दिवस 175+ देशों, 12 लाख से ज्यादा स्थानों पर आयोजित हुआ, जिसमें 10 करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लिया।

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