कांवड़ यात्रा के दौरान ढाबा मालिकों से जबरन पैंट उतरवाने की घटना, ओवैसी बोले- ये शर्मनाक है

दिल्ली-देहरादून हाईवे पर कांवड़ यात्रा के दौरान एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। कुछ लोगों ने ढाबा चलाने वालों से जबरन उनके धर्म की पुष्टि करने के लिए पैंट उतारने को कहा। इस पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा कि यह संविधान और कानून की सीधी अवहेलना है।
ओवैसी का सवाल – “ये लोग कौन हैं?”
ओवैसी ने कहा,“मुजफ्फरनगर हाईवे पर सालों से ढाबे चल रहे हैं। 10 साल पहले कांवड़ यात्रा शांतिपूर्वक निकलती थी, तब किसी को कोई दिक्कत नहीं थी। अब अचानक ढाबा मालिकों से जबरन धर्म पूछना और पैंट उतरवाना कहां तक जायज़ है? ये कौन होते हैं?”
प्रशासन पर उठाए सवाल
ओवैसी ने कहा कि अगर कुछ लोग खुद ही पहचान की जांच कर रहे हैं, तो फिर प्रशासन क्या कर रहा है?“क्या अब ये निगरानी समूह सरकार चला रहे हैं? पुलिस ऐसे लोगों को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही? क्या अब आम नागरिकों की पहचान की जांच करना भीड़ का काम है?”
“एक समुदाय को बनाया जा रहा है निशाना”
ओवैसी ने आरोप लगाया कि इस तरह की घटनाएं जानबूझकर की जा रही हैं ताकि एक खास समुदाय को डराया जा सके। उन्होंने कहा कि“कभी आधार कार्ड मांगा जा रहा है, कभी कपड़े उतरवाए जा रहे हैं। क्या कल को स्टूडियो में घुसकर भी धर्म पूछा जाएगा?”
तेलंगाना फैक्ट्री हादसे पर भी बोले
तेलंगाना के मेडचल जिले में सिगाची फार्मा फैक्ट्री में धमाके के बाद 36 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। ओवैसी ने इसे दुखद बताते हुए कहा कि“झारखंड के कई मजदूरों की जान गई है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने घटनास्थल का दौरा किया है, उम्मीद है निष्पक्ष जांच होगी।”
बिहार चुनाव में मतदाता सूची पर चिंता
ओवैसी ने बिहार चुनाव को लेकर भी चुनाव आयोग पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि“मतदाता सूची का अचानक पुनरीक्षण लाखों लोगों के मताधिकार को खतरे में डाल सकता है। आयोग को तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।”
कांवड़ यात्रा के दौरान ढाबा मालिकों के साथ हुई घटना पर ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और सरकार से जवाब मांगा है। साथ ही उन्होंने तेलंगाना हादसे की निष्पक्ष जांच और बिहार चुनाव में पारदर्शिता की मांग की है।