उत्तर प्रदेश
30 बच्चे परीक्षा से वंचित, RTO विभाग पर उत्पीड़न और अवैध वसूली के आरोप

मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) – शहर में आरटीओ विभाग की लापरवाही और मनमानी का एक गंभीर मामला सामने आया है। स्कूली बच्चों से भरी बस को गलत नंबर के आधार पर जब्त कर लिया गया, जिससे न सिर्फ बच्चों की परीक्षा छूट गई, बल्कि स्कूल और अभिभावकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बाद में जब सच्चाई सामने आई, तो अधिकारियों को अपनी गलती माननी पड़ी, लेकिन तब तक बच्चों का शैक्षणिक नुकसान हो चुका था।
क्या है मामला?
एडम एंड ईव्स कॉन्वेंट स्कूल की बस (नंबर UP21 BN 2462) स्कूली बच्चों को लेकर जा रही थी, तभी आरटीओ विभाग की टीम ने बस को बिना ठोस वजह के बीच सड़क पर रोक लिया।
- बस में मौजूद बच्चों और स्टाफ को नीचे उतार दिया गया।
- बस को जब्त कर RTO कार्यालय ले जाया गया।
- सभी दस्तावेज जांच में सही पाए गए।
- फिर भी गलत नंबर (UP21 CN 2462) के आधार पर ₹32,500 का चालान काटा गया।
बच्चों और स्टाफ से बदसलूकी, सुरक्षा पर सवाल
- आरटीओ टीम की इस कड़ी कार्रवाई ने 30 बच्चों की परीक्षा छीन ली।
- छोटे-छोटे बच्चों को सड़क पर उतार कर खड़ा कर दिया गया, जिससे डर और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई।
- कुछ बच्चे बस का इंतजार करते रह गए, जबकि अन्य घर लौटने को मजबूर हो गए।
- कई अभिभावक नाराज़ होकर स्कूल पहुंचे और प्रबंधन से सवाल-जवाब किए।
गलती कब कबूल की गई?
जब स्कूल प्रशासन ने शिकायत दर्ज कराई, तब आरटीओ प्रशासन के अधिकारी राजेश कुमार ने यात्री कर अधिकारी (PTO) नरेंद्र छाबड़ा की गलती स्वीकार की।
- गलत वाहन नंबर के आधार पर कार्रवाई होने की बात मानी गई।
- बस को छोड़ा गया और चालान रद्द कर दिया गया।
स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों की नाराजगी
- स्कूल प्रशासन ने कड़ी निंदा की है और इसे बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा और स्कूल की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला कदम बताया है।
- स्कूल ने आरोप लगाया कि यह एक पूर्व-नियोजित उत्पीड़न और अवैध वसूली की कोशिश थी।
- अभिभावकों ने कहा कि आरटीओ की बेलगाम कार्रवाई ने बच्चों को मानसिक रूप से आहत किया और अब वे उच्च स्तर पर शिकायत करेंगे।