सुप्रीम कोर्ट में बिहार के विशेष गहन पुनरीक्षण पर सुनवाई, जस्टिस बोले- SIR मतदाताओं के अनुकूल

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर चुनाव आयोग के 24 जून के फैसले पर सुनवाई हुई। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने इस प्रक्रिया को मतदाताओं के हित में बताया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह चुनाव आयोग का अधिकार क्षेत्र है कि वह कब और कैसे विशेष संशोधन करे। जस्टिस बागची ने स्पष्ट किया कि ‘निर्धारित तरीके’ का मतलब समय और स्थान तय करना है, और इसमें आयोग को लचीलापन दिया गया है।
वहीं याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि कानून में विशेष गहन पुनरीक्षण का प्रावधान नहीं है। नियमों में सिर्फ ‘नए सिरे से’ शब्द का जिक्र है, जिसका मतलब तैयारी है, पुनरीक्षण नहीं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या आयोग 2003 की मूल सूची को बदलने जैसी बड़ी कार्रवाई कर सकता है।
इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यदि यह प्रक्रिया कभी नहीं हो सकती, तो कानून में दी गई उप-धारा (3) का कोई महत्व नहीं रहेगा।