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सुप्रीम कोर्ट ने कन्नड़ स्टार दर्शन थुगुदीपा और पवित्रा गौड़ा की ज़मानत रद्द की

नई दिल्ली: कन्नड़ फ़िल्मों के सुपरस्टार दर्शन थुगुदीपा और अभिनेत्री पवित्रा गौड़ा सहित सात आरोपियों की ज़मानत सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रद्द कर दी। इसके साथ ही सभी को वापस जेल भेजने का आदेश दिया गया।

न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की बेंच ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें दिसंबर 2024 में इन आरोपियों को ज़मानत दी गई थी।

क्यों हुई गिरफ्तारी?

दर्शन और सह-आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने रेणुकास्वामी नामक युवक का अपहरण कर उसकी इतनी निर्दयता से पिटाई की कि उसकी मौत हो गई। बाद में उसका शव एक नाले में बरामद हुआ।

सूत्रों के मुताबिक, रेणुकास्वामी एक फ़ार्मेसी में काम करता था और उसने कथित तौर पर पवित्रा गौड़ा को सोशल मीडिया पर अश्लील संदेश भेजे थे। इसी के बाद उसे निशाना बनाया गया।

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

बेंच ने कहा:
“हाईकोर्ट के आदेश में गंभीर कानूनी खामियां हैं। आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 34 (साझा आपराधिक इरादा) के तहत ज़मानत देने का कोई ठोस कारण आदेश में दर्ज नहीं किया गया।”

अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह टिप्पणियां सिर्फ ज़मानत रद्द करने के मुद्दे तक सीमित हैं और मुकदमे की सुनवाई पर असर नहीं डालेंगी।

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