उत्तर प्रदेश

सीतापुर जेल से रिहा आज़म खान से मिलने जा रहे अखिलेश यादव, होगा बड़ा फैसला

सीतापुर। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव बुधवार, 8 अक्टूबर को सीतापुर जेल से रिहा वरिष्ठ नेता आज़म खान से मिलने वाले हैं। इस मुलाकात से पहले ही पार्टी में आज़म खान की भूमिका को लेकर सियासी चिंतन-मंथन तेज हो गया है। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद सपा के चुनावी रणनीति की तस्वीर काफी हद तक साफ हो जाएगी।

आज़म खान की रिहाई और राजनीतिक असर

23 सितंबर को 23 महीने बाद जेल से रिहा हुए आज़म खान लगातार मीडिया में सुर्खियां बटोर रहे हैं। उनकी वापसी के बाद सपा में उनकी भूमिका को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। पार्टी के भीतर कुछ मुस्लिम नेताओं को डर है कि आज़म की फिर से सक्रियता उनकी सियासत को नुकसान पहुँचा सकती है। वहीं आज़म खान खुद भी पार्टी में अपनी अहमियत कम नहीं होने देना चाहते।

सपा की पीडीए रणनीति और अखिलेश की चुनौती

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के फॉर्मूले को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कई बार स्पष्ट किया है कि पीडीए में ‘ए’ का मतलब अगड़ा भी है और पार्टी सर्व समाज को साथ लेकर चलना चाहती है, ताकि बीजेपी के हिन्दुत्व के खिलाफ संतुलन बनाए रखा जा सके।

अखिलेश यादव के सामने बड़ी चुनौती यह है कि आज़म खान को इस तरह से पार्टी में लौटाया जाए कि मुस्लिम वोटरों में संदेश जाए कि पार्टी ने उन्हें अकेला नहीं छोड़ा, वहीं उनके कट्टर तेवरों से चुनाव में नुकसान से बचा जा सके।

मुस्लिम वोटर पर आज़म खान का प्रभाव

आज़म खान का रामपुर और आसपास के इलाके में मुस्लिम वोटरों पर मजबूत प्रभाव है। सपा जानती है कि अगर उन्हें दरकिनार किया गया तो मुस्लिम मतदाताओं में गलत संदेश जाएगा। साथ ही, पार्टी को उन मुस्लिम नेताओं के साथ भी संतुलन बनाना है जो आज़म की वापसी से असहज या उपेक्षित महसूस कर सकते हैं।

मुलाकात में क्या हो सकता है चर्चा का केंद्र

माना जा रहा है कि अखिलेश यादव आज़म खान से मिलने आएंगे तो उन्हें संयमित भूमिका निभाने और पार्टी के चुनावी संतुलन को बनाए रखने की सलाह दे सकते हैं। पार्टी इस मुलाकात को लेकर काफी संवेदनशील और रणनीतिक रवैया अपना रही है।

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