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त्रिपुरा में तीन बांग्लादेशी नागरिकों की मौत पर भारत-बांग्लादेश में तनाव


त्रिपुरा में तीन बांग्लादेशी नागरिकों की मौत के मामले में भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक तनातनी तेज हो गई है। जहां बांग्लादेश सरकार ने इस घटना को ‘जघन्य अपराध’ बताते हुए कड़ी निंदा की है, वहीं भारत ने मृतकों को ‘तस्कर’ बताते हुए घटना को आत्मरक्षा में ग्रामीणों की प्रतिक्रिया करार दिया है।

बांग्लादेश की तीखी प्रतिक्रिया

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा:

“बांग्लादेश की सरकार 15 अक्तूबर को त्रिपुरा में तीन बांग्लादेशी नागरिकों की बुरी तरह पीट-पीटकर हत्या की घटना का कड़ा विरोध और निंदा करती है। यह मानवाधिकारों और कानून के शासन का घोर उल्लंघन है और इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।”

भारत की प्रतिक्रिया

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस घटना को लेकर कहा:

“हमें जानकारी मिली है कि 15 अक्तूबर को त्रिपुरा में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर तीन बांग्लादेशी तस्कर बिद्याबिल गांव में मवेशी चोरी की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों पर चाकू और लोहे की रॉड से हमला किया, जिसमें एक ग्रामीण की मौत हो गई और अन्य घायल हुए।”

उन्होंने बताया कि जवाबी कार्रवाई में ग्रामीणों ने हमलावरों का विरोध किया, जिसमें दो बांग्लादेशी नागरिकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीसरे की मौत अस्पताल में हुई।

शवों को सौंपा गया, केस दर्ज

भारतीय अधिकारियों के अनुसार, मृतकों के शव बांग्लादेशी प्रशासन को सौंपे जा चुके हैं और पुलिस ने घटना की जांच के लिए आपराधिक मामला दर्ज कर लिया है।

भारत-बांग्लादेश सीमा पर गायों की तस्करी, घुसपैठ और सीमा पार अपराध लंबे समय से दोनों देशों के बीच एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। ऐसे मामलों में अक्सर दोनों ओर से जान-माल का नुकसान होता है और राजनयिक तनाव भी बढ़ जाता है। फिलहाल दोनों देशों की ओर से इस घटना की उच्च स्तरीय समीक्षा की संभावना है।

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