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दहेज प्रथा के खिलाफ युवाओं की नई सोच, खाप पंचायत करेगी सम्मान

मुजफ्फरनगर में सामाजिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल सामने आई है। दहेज प्रथा, जो वर्षों से समाज पर बोझ बनकर चली आ रही है, उसके खिलाफ अब युवाओं में तेजी से जागरूकता बढ़ रही है। जिले और आसपास के क्षेत्रों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां युवाओं ने शादी के दौरान मिलने वाले 3 लाख से लेकर 31 लाख रुपये तक के दहेज प्रस्ताव ठुकरा दिए, और समाज के सामने एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है।

दहेज छोड़ने वाले युवाओं का खाप करेगी सम्मान

बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत ने इस सकारात्मक बदलाव का स्वागत करते हुए घोषणा की है कि
दहेज न लेने वाले सभी युवाओं को सर्वखाप पंचायत की ओर से सम्मानित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कुछ युवाओं ने तो सिर्फ 1 रुपये में विवाह कर समाज को यह संदेश दिया है कि रिश्ते का मूल्य धन नहीं, भावना और सहयोग होता है।

युवा पीढ़ी में बढ़ रही जागरूकता

टिकैत के अनुसार, युवाओं की यह सोच समाज के लिए बेहद उत्साहजनक है। उनका मानना है कि यह कदम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा और समाज को रूढ़िवादी परंपराओं से बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

उन्होंने कहा कि हाल ही में आयोजित सर्वजातीय सर्वखाप पंचायत में युवाओं से दहेज, नशाखोरी और मृत्यु भोज जैसी कुप्रथाओं को पूरी तरह त्यागने की अपील की गई थी।
पंचायत के बाद इसका असर साफ दिखाई दे रहा है—

  • कई परिवार कुरीतियों के खिलाफ खुलकर सामने आ रहे हैं
  • युवाओं में सामाजिक सुधार के प्रति उत्साह बढ़ रहा है
  • समाज में सकारात्मक वातावरण बन रहा है

तैयार हो रही सूची, जल्द होगा सम्मान समारोह

नरेश टिकैत ने बताया कि खाप पंचायत उन सभी युवाओं की सूची तैयार कर रही है, जिन्होंने दहेज लेने से इनकार किया है। जल्दी ही एक सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा, जहाँ इन युवाओं को मंच पर सम्मानित कर समाज के सामने मिसाल बनाया जाएगा।

समाज में बदलाव की उम्मीद

मुजफ्फरनगर और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ती यह जागरूकता इस बात का संकेत है कि दहेज प्रथा का प्रभाव धीरे-धीरे कम होगा और समाज एक स्वस्थ, प्रगतिशील और आधुनिक सोच की ओर कदम बढ़ाएगा।

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