लाल किला ब्लास्ट केस: चार आरोपियों की NIA कस्टडी 4 दिन बढ़ी, कई बड़े खुलासे

नई दिल्ली: लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए ब्लास्ट मामले की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। इसी क्रम में पटियाला हाउस कोर्ट ने चार आरोपियों की NIA कस्टडी 4 दिन और बढ़ाने के आदेश दिए हैं। जिन आरोपियों की रिमांड बढ़ाई गई है उनके नाम हैं—
डॉ. मुजम्मिल, डॉ. शाहीन सईद, मुफ्ती इरफान अहमद और आदिल अहमद।
प्रिंसिपल जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना ने NIA की मांग पर यह आदेश दिया। कस्टडी बढ़ाए जाने के बाद एजेंसी की टीम सभी आरोपियों को कोर्ट से वापस लेकर चली गई।
10 दिन की रिमांड पूरी होने के बाद पेश किए गए थे आरोपी
सोमवार (8 दिसंबर) को आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में लाया गया। 10 दिन की रिमांड खत्म होने के बाद NIA ने कहा कि अभी पूछताछ में कई अहम बिंदुओं पर और जांच बाकी है, इसलिए अतिरिक्त समय जरूरी है।
NIA के अनुसार:
- डॉ. मुजम्मिल
- डॉ. उमर नबी
- आदिल
- शाहीन
- मुफ्ती
- इरफान
सब मिलकर एक बड़ी आतंकी साजिश का हिस्सा थे।
एजेंसी का दावा है कि डॉ. उमर नबी ने ही लाल किले के सामने I20 कार में विस्फोट किया था।
शोएब और आमिर की भूमिका भी उजागर
शोएब की कस्टडी पहले 10 दिन बढ़ी थी
5 दिसंबर को कोर्ट ने शोएब की हिरासत 10 दिन और बढ़ाई थी। NIA के मुताबिक:
- शोएब ने हमले से पहले आतंकी उमर नबी को शरण दी
- उसे लॉजिस्टिक सपोर्ट भी दिया
- शोएब की भूमिका पूरी साजिश को समझने में अहम है
मुख्य आरोपी आमिर रशीद अली भी कस्टडी में
2 दिसंबर को मुख्य आरोपी आमिर रशीद अली की NIA कस्टडी 7 दिन और बढ़ाई गई थी। आमिर को 16 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था।
जांच में सामने आया:
- ब्लास्ट में इस्तेमाल I20 कार आमिर के नाम से रजिस्टर्ड थी
- उसने उमर-उन-नबी के साथ मिलकर साजिश रची
- हमले की तैयारी में उसका सीधा और सक्रिय रोल था
NIA दिल्ली पुलिस से केस अपने हाथ में लेने के बाद कई राज्यों में छापेमारी कर चुकी है।
ब्लास्ट में 15 लोगों की मौत
10 नवंबर को लाल किले के पास खड़ी विस्फोटकों से लदी कार में भीषण धमाका हुआ था।
कार डॉ. उमर-उन-नबी चला रहा था।
- 15 लोगों की मौत हुई
- कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए
- अब तक NIA 7 गिरफ्तारियां कर चुकी है
- कई आरोपी जम्मू-कश्मीर के व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल से जुड़े हैं
एजेंसी की कोशिश—पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करना
NIA का लक्ष्य इस हमले से जुड़े हर व्यक्ति की पहचान कर उसे गिरफ्तार करना है।
जांच टीमें यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि:
- आतंकी मॉड्यूल की संरचना क्या है
- हमले की प्लानिंग कैसे हुई
- किसने क्या भूमिका निभाई
