दिल्ली हाईकोर्ट ने गूगल, मेटा और X को दिया सुनील गावस्कर याचिका पर कार्रवाई का निर्देश

दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर की याचिका पर सोशल मीडिया और सर्च इंजन कंपनियों गूगल, मेटा और X को कार्रवाई करने का आदेश दिया है। याचिका में गावस्कर ने अपने नाम, पहचान और तस्वीरों का बिना अनुमति इस्तेमाल करने वाले और उनके पर्सनैलिटी राइट्स का उल्लंघन करने वाले कंटेंट को हटाने की मांग की थी।
कोर्ट ने क्या कहा
जस्टिस मनमीत प्रीतम अरोड़ा ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसे मामलों में प्रक्रिया यह है कि पहले आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के लिए इंटरमीडियरीज से संपर्क किया जाए। कोर्ट ने गावस्कर को निर्देश दिया कि वे आपत्तिजनक URLs इंटरमीडियरीज को दें, जिन्हें एक हफ्ते के अंदर कार्रवाई करनी होगी।
कोर्ट ने कहा:
- डिफेंडेंट नंबर 7, 10 और 11 (गूगल, मेटा, X) को निर्देशित किया गया कि वे शिकायत पर आज से 7 दिनों के भीतर निर्णय लें।
- प्लेनटिफ सुनील गावस्कर को निर्देश दिया गया कि अगले 48 घंटों में इंटरमीडियरीज को विशेष URLs दें, ताकि एक हफ्ते के भीतर उन्हें कार्रवाई का परिणाम बताया जा सके।
गावस्कर ने क्यों दायर की याचिका
सुनील गावस्कर ने याचिका में कहा कि उनके बारे में तथ्यहीन और आपत्तिजनक बातें ऑनलाइन फैलाई जा रही हैं। इसमें भारतीय क्रिकेट टीम के कोच गौतम गंभीर और अन्य क्रिकेटरों पर नकली आलोचनात्मक टिप्पणियां शामिल हैं। इसके अलावा विराट कोहली पर मनगढ़ंत कमेंट्स का भी जिक्र किया गया।
याचिका में ऑनलाइन नकली ऑटोग्राफ वाले प्रोडक्ट्स और तस्वीरों की बिक्री का भी उल्लेख है। कहा गया कि इन प्रोडक्ट्स को बेचकर लोगों को धोखे में रखा जा रहा है, जबकि उनका गावस्कर से कोई लेना-देना नहीं है।
कोर्ट का यह आदेश सोशल मीडिया और सर्च इंजन पर व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा और आपत्तिजनक सामग्री हटाने की प्रक्रिया को तेज करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

