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ऐतिहासिक भरोसे और भविष्य के आर्थिक अवसरों का संगम है भारत–जॉर्डन संबंध-PM MODI


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत–जॉर्डन बिजनेस फोरम में हिस्सा लेते हुए दोनों देशों के बीच मजबूत होते आर्थिक और रणनीतिक रिश्तों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया में कई देशों के साथ सीमाएं और बाजार साझा होते हैं, लेकिन भारत और जॉर्डन के संबंध ऐसे हैं जहां ऐतिहासिक विश्वास और भविष्य के आर्थिक अवसर एक साथ मिलते हैं

पीएम मोदी ने कहा कि जॉर्डन एक ऐसे “ब्रिज” के रूप में उभरा है, जो अलग–अलग क्षेत्रों और बाजारों के बीच सहयोग और तालमेल को मजबूत कर रहा है। उन्होंने बताया कि हालिया बातचीत में यह चर्चा हुई कि कैसे भारतीय कंपनियां जॉर्डन के माध्यम से अमेरिका, कनाडा और अन्य देशों के बाजारों तक पहुंच बना सकती हैं। प्रधानमंत्री ने भारतीय कंपनियों से इन अवसरों का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया।

भारत की तेज ग्रोथ में निवेश का न्योता

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की ग्रोथ रेट 8 प्रतिशत से ऊपर है, जो प्रोडक्टिविटी और इनोवेशन आधारित नीतियों का परिणाम है। उन्होंने जॉर्डन के बिजनेस और निवेशकों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत की तेज आर्थिक वृद्धि में भागीदार बनकर वे शानदार रिटर्न हासिल कर सकते हैं।

डिजिटल टेक्नोलॉजी में भारत बना वैश्विक मॉडल

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने डिजिटल टेक्नोलॉजी को समावेशन और सशक्तिकरण का मॉडल बनाया है। UPI, आधार और डिजिलॉकर जैसे प्लेटफॉर्म आज वैश्विक बेंचमार्क बन चुके हैं। उन्होंने बताया कि जॉर्डन के सिस्टम्स को इन भारतीय डिजिटल फ्रेमवर्क्स से जोड़ने पर भी चर्चा हुई है।

फार्मा और मेडिकल सेक्टर में अपार संभावनाएं

प्रधानमंत्री ने कहा कि फार्मा और मेडिकल डिवाइसेज के क्षेत्र में भारत और जॉर्डन के बीच सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। आज हेल्थकेयर केवल एक सेक्टर नहीं, बल्कि एक रणनीतिक प्राथमिकता बन चुका है। उन्होंने सुझाव दिया कि जॉर्डन में भारतीय कंपनियां दवाइयां और मेडिकल डिवाइसेज बनाएं, जिससे न सिर्फ जॉर्डन के लोगों को लाभ होगा, बल्कि पश्चिमी एशिया और अफ्रीका के लिए भी जॉर्डन एक भरोसेमंद हेल्थकेयर हब बन सकता है।

कृषि क्षेत्र में मिलकर समाधान

पीएम मोदी ने कहा कि भारत को शुष्क जलवायु में खेती का लंबा अनुभव है, जो जॉर्डन में बड़ा बदलाव ला सकता है। सटीक खेती, सूक्ष्म सिंचाई, कोल्ड चेन, फूड पार्क और भंडारण सुविधाओं के विकास में दोनों देश मिलकर काम कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री के संबोधन से साफ है कि भारत–जॉर्डन साझेदारी अब केवल कूटनीतिक रिश्तों तक सीमित नहीं, बल्कि व्यापार, निवेश, तकनीक, स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों में एक मजबूत और दीर्घकालिक आर्थिक सहयोग की ओर बढ़ रही है।

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