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DMK ने VB-G RAM G बिल पर केंद्र सरकार पर हमला बोला, गांधी का नाम हटना सिर्फ मुद्दा नहीं

चेन्नई: तमिलनाडु की सत्ताधारी डीएमके (DMK) ने शनिवार को केंद्र सरकार द्वारा लाए गए VB-G RAM G बिल पर हमला बोला और कहा कि केवल महात्मा गांधी का नाम हटाना ही मुद्दा नहीं है, बल्कि इस नए बिल में कई ऐसे फीचर्स हैं जो ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के मूल उद्देश्य को कमजोर करते हैं।

DMK का मुख्य आरोप

डीएमके के मुखपत्र ‘मुरासोली’ के संपादकीय में कहा गया कि गांधी का नाम हटाने के विवाद ने असली मुद्दों को पीछे कर दिया। संपादकीय में लिखा गया कि नाम हटने से गांधी की छवि पर कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि लोग उनके बारे में और ज्यादा चर्चा कर रहे हैं।

DMK ने बताए बिल के विरोध के 10 कारण

पार्टी ने नए G राम G ग्रामीण रोजगार गारंटी बिल का विरोध करते हुए इसे उच्चारण में कठिन और राज्य हितों के खिलाफ बताया। नई योजना में 125 दिनों की गारंटी देने का कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं है और केंद्र किसी समय इसे रोकने का अधिकार रखता है।

60:40 का कॉस्ट-शेयरिंग रेशियो और राज्यों पर असर

नई योजना में फंड शेयरिंग रेशियो 60:40 रखा गया है, जिसमें 40% फंड राज्य सरकारों को देना होगा। DMK ने इसे राज्य के फंड की लूट करार दिया। इसके अलावा, योजना में बुवाई और कटाई के मौसम में काम नहीं दिया जाएगा और लाभार्थियों को मल्टीडाइमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स (MPI) के आधार पर सूचीबद्ध किया जाएगा, जिससे तमिलनाडु जैसे राज्य प्रभावित होंगे।

योजना को कभी भी रोका जा सकता है

DMK ने कहा कि नए बिल के तहत केंद्र यह दावा कर सकता है कि गरीबी खत्म हो गई है और योजना को रोक सकता है। जबकि मनरेगा में नौकरी पाना लोगों का अधिकार था, VB-G RAM G बिल में ऐसा कोई गारंटी प्रावधान नहीं है।

संघवाद और राज्य स्वायत्तता पर असर

डीएमके ने इस बिल को संघवाद और राज्य की स्वायत्तता के खिलाफ बताया, क्योंकि यह केंद्र को हर राज्य के लिए नौकरियों का फैसला करने का अधिकार देता है। बिल में किसी भी समय योजना को रोकने की सुविधा के कारण यह गैर-बीजेपी शासित राज्यों के लिए धोखा देने वाला प्रावधान है।

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