दिल्ली में अब महिलाएं कर सकेंगी नाइट शिफ्ट में काम, सरकार ने सशर्त अनुमति दी

नई दिल्ली – दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए महिलाओं को नाइट शिफ्ट में कार्य करने की सशर्त अनुमति देने का निर्णय लिया है। यह कदम ‘व्यापार करने में आसानी’ (Ease of Doing Business) और ‘अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार’ (Maximum Governance, Minimum Government) की नीति के तहत उठाया गया है। अब महिलाएं अपनी स्पष्ट सहमति से रात्रिकालीन पाली में कार्य कर सकेंगी, बशर्ते उनके लिए सभी आवश्यक सुरक्षा उपायों की गारंटी हो।
महिला कर्मचारियों के लिए नाइट शिफ्ट की अनुमति
दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम में संशोधन कर यह सुविधा लागू की जाएगी। इसके तहत:
- महिलाएं केवल अपनी सहमति से नाइट शिफ्ट में कार्य करेंगी।
- कार्यस्थल पर सुरक्षा और सुविधाएं देना संस्थान के लिए अनिवार्य होगा।
- इस फैसले से महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
औद्योगिक विवाद अधिनियम में बदलाव प्रस्तावित
उच्च स्तरीय बैठक में औद्योगिक विवाद अधिनियम में भी संशोधन की सिफारिश की गई। इसके तहत:
- संस्थानों को बंद करने के लिए कर्मचारियों की न्यूनतम सीमा 100 से बढ़ाकर 200 करने का प्रस्ताव।
- इससे छोटे और मध्यम उद्योगों को अधिक लचीलापन मिलेगा।
24×7 संचालन और कर्मचारियों की संख्या में बदलाव
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि:
- सभी प्रतिष्ठानों को 24×7 (सातों दिन चौबीस घंटे) संचालन की अनुमति दी जाएगी।
- दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या की सीमा 1 से बढ़ाकर 10 की जाएगी, जिससे अधिक प्रतिष्ठान इस दायरे में आ सकें।
फायर सेफ्टी और ग्रीन इंडस्ट्री के लिए नए नियम
- दिल्ली अग्निशमन विभाग को थर्ड पार्टी सुरक्षा ऑडिट की अनुमति दी गई।
- DPCC (दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति) को ‘ग्रीन’ और ‘व्हाइट’ कैटेगरी के उद्योगों को स्व-प्रमाणन की सुविधा देने का निर्देश।
- संचालन अनुमति की समयसीमा को 20 दिन किया गया – इसके बाद आवेदन स्वतः स्वीकृत माना जाएगा।
भूमि सुधार और डिजिटल पोर्टल का निर्देश
- राजस्व विभाग को दिल्ली भूमि सुधार अधिनियम की धारा 81 और 33 की समीक्षा करने के आदेश।
- आईटी विभाग को सभी प्रकार की NOC के लिए सिंगल-विंडो पोर्टल बनाने को कहा गया, जिससे प्रक्रियाएं सरल और पारदर्शी हों।
6 महीने में क्रियान्वयन का लक्ष्य
इस व्यापक सुधार योजना की समयबद्ध निगरानी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा की जाएगी। सभी संबंधित विभागों को यह सुधार 6 महीने में पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है।