उत्तर प्रदेशराज्य

समाजवादी पार्टी की बड़ी कार्रवाई: क्रॉस वोटिंग करने वाले तीन विधायक पार्टी से निष्कासित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ी हलचल मचाते हुए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने सोमवार को तीन बागी विधायकों — अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोज कुमार पांडेय — को पार्टी से निष्कासित कर दिया। ये तीनों विधायक उन 8 बागियों में शामिल थे जिन्होंने 2024 के राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी।

क्यों लिया गया ये फैसला?

पार्टी ने बयान जारी करते हुए कहा कि इन विधायकों को “हृदय परिवर्तन की अनुग्रह अवधि” दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद जब उनके व्यवहार में कोई सुधार नहीं आया और लगातार उनकी बीजेपी नेताओं से नजदीकियां दिखाई दीं, तब यह कठोर कदम उठाना पड़ा।

राज्यसभा चुनाव में कैसे हुआ था सपा को नुकसान?

2024 में हुए राज्यसभा चुनाव में 10 सीटों पर मतदान हुआ था, जिसमें सपा ने 3 उम्मीदवार उतारे थे और बीजेपी ने 8 उम्मीदवार। सपा के तीसरे उम्मीदवार आलोक रंजन को हार का सामना करना पड़ा, क्योंकि पार्टी के 8 विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में वोट कर दिया था। इसी वजह से बीजेपी के संजय सेठ जीतने में कामयाब हुए, जबकि उनके पास जरूरी वोट नहीं थे।

बाकी पांच बागी विधायक अभी क्यों बचे हैं?

क्रॉस वोटिंग करने वाले अन्य पांच विधायकों — पूजा पाल, राकेश पांडे, विनोद चतुर्वेदी, आशुतोष चतुर्वेदी और महाराजी देवी — पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

इस पर सपा का कहना है कि इन विधायकों का व्यवहार अपेक्षाकृत अनुशासित रहा है और वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में सक्रिय नहीं दिखाई दिए। लेकिन पार्टी ने स्पष्ट किया है कि अगर भविष्य में वे भी पार्टी लाइन के खिलाफ जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

“विचारधारा से गद्दारी को नहीं किया जाएगा माफ”

पार्टी नेतृत्व ने साफ संदेश दिया है कि जो भी समाजवादी पार्टी की मूल विचारधारा के खिलाफ जाएगा, उसे पार्टी में स्थान नहीं मिलेगा। इस तरह की राजनीतिक गद्दारी को पार्टी में अक्षम्य अपराध माना जाएगा।

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