मुख्तार अंसारी के पुराने वाले खाते में अचानक आए 25 लाख, पुलिस ने किया…

गाजीपुर | उत्तर प्रदेश की गाजीपुर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए आईएस-191 गैंग के सरगना रहे दिवंगत मुख्तार अंसारी के लखनऊ स्थित बैंक खाते में जमा 25 लाख 52 हजार रुपये को जब्त कर लिया है। यह रकम मुख्तार की पत्नी अफसा अंसारी के नाम से जमा कराई गई थी। गाजीपुर पुलिस ने अफसा अंसारी को ₹50,000 की इनामी अपराधी भी घोषित कर रखा है।
इस कार्रवाई की जानकारी क्षेत्राधिकारी सदर शेखर सेंगर ने दी। उन्होंने बताया कि संदिग्ध ट्रांजेक्शन की सूचना मिलने के बाद त्वरित कार्रवाई कर खाते को फ्रीज कर दिया गया।
लखनऊ के स्टेट बैंक खाते में हुआ था ट्रांजेक्शन
गाजीपुर पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि मुख्तार अंसारी का एक बैंक अकाउंट लखनऊ स्थित यूपी सिविल सेक्रेटेरिएट शाखा में है, जिसमें संदिग्ध तरीके से 25.52 लाख रुपये जमा कराए गए हैं। इसके बाद पुलिस ने संबंधित बैंक अधिकारियों से संपर्क कर खाते को फ्रीज कर दिया।
कौन हैं अफसा अंसारी? क्यों जारी है गिरफ्तारी का वारंट
मुख्तार अंसारी की पत्नी अफसा अंसारी पर गाजीपुर कोतवाली और नंदगंज थानों में कुल 9 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें गैंगस्टर एक्ट, धोखाधड़ी, वसूली, चोरी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे संगीन आरोप शामिल हैं।
अफसा पिछले कई महीनों से फरार हैं और पुलिस ने ₹50,000 का इनाम भी घोषित कर रखा है। कुछ चश्मदीदों का दावा है कि मुख्तार की मौत के बाद उन्हें दफन के दौरान मोहम्मदाबाद में देखा गया था, लेकिन तब से वे अंडरग्राउंड हैं।
बैंक लॉकर और खाते भी जब्त
गाजीपुर पुलिस ने इससे पहले भी कई आर्थिक कार्रवाई की है:
- 16 जून को अफसा के खाते में जमा ₹8,91,268 की राशि जब्त
- 20 जून को लखनऊ स्थित एक बैंक लॉकर को सील किया गया
अब 3 जुलाई को फिर से कार्रवाई करते हुए ₹25.52 लाख की राशि जब्त कर ली गई है।
अब तक गिरफ्त में क्यों नहीं आई अफसा?
गाजीपुर पुलिस ने अफसा अंसारी की गिरफ्तारी के लिए मुनादी और कुर्की तक की कार्रवाई की है, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल पाया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अफसा के छिपने की आशंका नेपाल या दिल्ली के कुछ सुरक्षित ठिकानों में जताई जा रही है।
अफसा अंसारी पर लगातार की जा रही कार्रवाई से यह साफ है कि यूपी पुलिस माफिया की आर्थिक रीढ़ तोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद भी उसके परिवार और नेटवर्क पर कानूनी शिकंजा कसना जारी है। अब देखना यह होगा कि अफसा कब तक पुलिस की पकड़ से बाहर रह पाती हैं।