20 साल बाद एक मंच पर राज और उद्धव ठाकरे, बोले- ‘मराठी नाटकबाज को दो तमाचा!’

महाराष्ट्र में भाषा विवाद को लेकर राजनीतिक तापमान एक बार फिर गरमा गया है। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे — दो भाई, जो वर्षों से अलग-अलग राह पर चल रहे थे — करीब दो दशक बाद एक साथ मंच पर नजर आए। इस मंच से दोनों ने जहां मराठी भाषा की अनिवार्यता पर जोर दिया, वहीं बीजेपी और केंद्र सरकार पर तीखा हमला भी बोला।
राज ठाकरे का विवादित बयान:
राज ठाकरे ने कहा,
“मराठी तो बोलनी ही होगी। जो नाटक करे, उसे कान के नीचे एक लगाओ। लेकिन अगली बार वीडियो मत बनाना।”
हाल के दिनों में महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में मराठी न बोलने वालों के साथ मारपीट के मामले सामने आए थे। इन घटनाओं के वीडियो वायरल हुए थे, जिसके बाद मनसे कार्यकर्ताओं की जमकर आलोचना हुई। अब राज ठाकरे ने इस पर सफाई दी, लेकिन फिर भी विवादास्पद अंदाज में ही अपनी बात रखी।
उद्धव ठाकरे का समर्थन
उद्धव ठाकरे ने भी मराठी भाषा को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि
“महाराष्ट्र की पहचान उसकी भाषा से है। कोई उसे कमजोर न समझे।”
दोनों नेताओं ने एक स्वर में कहा कि मराठी को नजरअंदाज करने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
हिंदी थोपने का आरोप
राज ठाकरे ने केंद्र पर आरोप लगाया कि
“हिंदी भाषी लोगों को हमसे हिंदी सीखने को कहना हास्यास्पद है। मराठा साम्राज्य ने कभी किसी पर मराठी नहीं थोपी, लेकिन अब हमारे राज्य में हिंदी थोपने की कोशिश की जा रही है।”
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह कोशिश मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की दिशा में एक प्रयोग है?
सोशल मीडिया पर मचा घमासान
इस कार्यक्रम के बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।
- कई लोगों ने राज के ‘तमाचा मारो’ बयान की आलोचना की है।
- वहीं कुछ समर्थक इसे मराठी अस्मिता की रक्षा से जोड़कर देख रहे हैं।