उत्तर प्रदेश

बरेली में विधवा पेंशन घोटाला, योजनाओं का लाभ उठा रहे ये लोग

बरेली, बरेली जिले के फरीदपुर में सरकारी योजनाओं में बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। यहां गरीब, बेसहारा और विधवा महिलाओं के नाम पर चल रही पेंशन योजनाओं का लाभ पुरुषों द्वारा उठाया जा रहा है, और इस गड़बड़ी में बैंककर्मियों से लेकर विभागीय अधिकारियों तक की मिलीभगत सामने आई है। मामला सामने आने के बाद प्रशासन और विभागीय महकमा हरकत में आ गया है।

विधवा पेंशन उठा रहे हैं पुरुष

जिन योजनाओं को विधवा महिलाओं की सहायता के लिए बनाया गया था, उनका पैसा राम सिंह, यशपाल और रविंद्र सिंह जैसे पुरुषों के खातों में पहुंच रहा है। इतना ही नहीं, ये लोग प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और वृद्धावस्था पेंशन का लाभ भी उठा रहे हैं।

जिला सहकारी बैंक की जांच में हुआ खुलासा

यह खुलासा बरेली की जिला सहकारी बैंक, फरीदपुर शाखा में हुए गबन की जांच के दौरान हुआ। बैंक के महाप्रबंधक देवेंद्र सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में ही यह सामने आ गया है कि कई खातों में सरकारी योजनाओं की रकम, विशेष रूप से विधवा पेंशन और किसान सम्मान निधि, अवैध रूप से ट्रांसफर की गई है। अनुमान है कि करीब 2,500 से 3,000 महिलाओं के नाम पर फर्जी खातों में पैसे डाले गए हैं।

एक से ज़्यादा आधार और एक नाम पर कई खाते

जांच में सामने आया है कि कई खातों में एक से अधिक आधार कार्ड लिंक हैं, और एक ही व्यक्ति के नाम से कई खाते खोलकर लाखों रुपये हड़पे गए हैं। उदाहरण के लिए, मोहम्मद अनस और असमीन बेगम नाम से दो संयुक्त खातों में विधवा पेंशन और किसान सम्मान निधि की कुल राशि 43,000 रुपये ट्रांसफर की गई। वहीं, यशपाल के खाते में अब तक 47,000 रुपये, जबकि रविंद्र सिंह के खाते में 9,000 रुपये विधवा पेंशन के रूप में जमा किए गए हैं।

सरकारी अधिकारी भी संदेह के घेरे में

खास बात यह है कि यह घोटाला डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से किया गया, जिससे यह साफ हो जाता है कि सिर्फ बैंक कर्मचारी ही नहीं, बल्कि योजनाएं संचालित करने वाले विभागों के अफसर भी इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं।

हर साल किए जाने वाले सत्यापन में भी भारी लापरवाही सामने आई है। जानकारों के मुताबिक सत्यापन केवल कागजों में होता रहा, और जमीनी स्तर पर हकीकत की कभी जांच नहीं की गई।

क्या कार्रवाई होगी?

बैंक प्रशासन ने जांच तेज कर दी है। फर्जी खातों की लिस्ट तैयार की जा रही है और संबंधित विभागीय अफसरों को नोटिस भेजे गए हैं। सवाल यह उठ रहा है कि क्या कार्रवाई केवल बैंककर्मियों तक सीमित रहेगी, या फिर उन उच्चाधिकारियों पर भी होगी जो सालों से आंख मूंदकर इस घोटाले को बढ़ावा दे रहे थे?

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