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छत्तीसगढ़ में 3200 करोड़ के शराब घोटाले पर बड़ी कार्रवाई, 22 आबकारी अधिकारी निलंबित

रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को सख्ती से लागू करते हुए अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में हुए 3200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में अब तक 29 में से 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। सरकार के इस कदम को राज्य के प्रशासनिक इतिहास की सबसे बड़ी निलंबन कार्रवाई माना जा रहा है।

2019 से 2023 के बीच की गई थी 88 करोड़ की अवैध कमाई

निलंबित अधिकारियों पर आरोप है कि 2019 से 2023 के दौरान उन्होंने शराब कारोबार में भारी भ्रष्टाचार कर लगभग 88 करोड़ रुपए की अवैध चल-अचल संपत्तियां अर्जित कीं। इस घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय और राज्य एजेंसियों को अब तक कई पुख्ता सबूत मिल चुके हैं, जिसके बाद यह बड़ी कार्रवाई की गई।

ये अधिकारी हुए निलंबित

निलंबित अधिकारियों में कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं:

  • उपायुक्त स्तर पर: अनिमेष नेताम, अरविन्द पाटले, नीतू नोतानी, नोहर ठाकुर, विजय सेन शर्मा
  • सहायक आबकारी आयुक्त: प्रमोद नेताम, विकास गोस्वामी, नवीन तोमर, राजेश जायसवाल, मंजुश्री कसेर, दिनकर वासनिक, आशीष कोसम, सौरभ बख्शी, प्रकाश पाल
  • अन्य अधिकारी: रामकृष्ण मिश्रा, अलख राम कसेर, सोनल नेताम, मोहित जायसवाल, गरीबपाल सिंह दर्दी, इकबाल खान, जनार्दन कौरव, नितिन खंडूजा

सिर्फ शराब घोटाला नहीं, कई घोटालों की जांच जारी

राज्य सरकार सिर्फ शराब घोटाले तक सीमित नहीं है।
वर्तमान में डीएमएफ घोटाला, महादेव सट्टा एप घोटाला, तेंदूपत्ता घोटाला, भारतमाला योजना, PSC-2021 परीक्षा, और CGMSC घोटाले जैसे कई मामलों की जांच CBI, EOW व ACB द्वारा की जा रही है। कुछ मामलों में पूर्व चेयरमैन और वरिष्ठ अधिकारी गिरफ्तार हो चुके हैं।

पारदर्शी प्रशासन की ओर बढ़ते कदम

मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में सरकार राज्य में ई-ऑफिस प्रणाली, सिंगल विंडो सिस्टम 2.0, जेम पोर्टल से खरीददारी, और सुशासन एवं अभिसरण विभाग की स्थापना जैसी पहलें कर रही है ताकि भ्रष्टाचार पर नकेल कसी जा सके और निवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा सके।

  • नकली शराब पर रोक के लिए FL-10 नीति समाप्त की गई है
  • बोतलों पर अब नासिक मुद्रणालय से छपने वाले होलोग्राम अनिवार्य कर दिए गए हैं
  • खनिज ट्रांजिट पास और लकड़ी की ई-नीलामी अब पूरी तरह ऑनलाइन हो चुकी है

मुख्यमंत्री का सख्त संदेश

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट किया है कि –”यह घोटाला पिछली सरकार के दौरान हुआ था, और इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। छत्तीसगढ़ में अब भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है। हमारा लक्ष्य जनता को पारदर्शी, जवाबदेह और ईमानदार प्रशासन देना है।

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