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कांवड़ यात्रा पर मौलाना कौसर हयात खान का गृह मंत्री को पत्र, उठाए गंभीर सवाल

नई दिल्ली | इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना कौसर हयात खान ने कांवड़ यात्रा के दौरान कथित अव्यवस्था और आम जनता को हो रही परेशानी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। मौलाना ने आरोप लगाया है कि यह यात्रा अब धार्मिक आयोजन के बजाय उत्पात का रूप ले चुकी है और इसमें अराजक तत्वों को खुली छूट मिल रही है

पत्र में मौलाना ने क्या कहा?

मौलाना कौसर हयात खान ने पत्र में लिखा –

“कांवड़ यात्रा एक धार्मिक आयोजन है, लेकिन इसे एक खास मानसिकता के तहत हिंसक और उन्मादी आयोजन में बदल दिया गया है। मामूली बातों पर कांवड़िए गाड़ियों, ढाबों, दुकानों और लोगों पर हमला कर रहे हैं। और यह सब पुलिस की मौजूदगी में हो रहा है।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारें आम लोगों की सुरक्षा करने में नाकाम रही हैं, और इससे यह संदेश जा रहा है कि या तो प्रशासन सक्षम नहीं है, या फिर उसने जानबूझकर उत्पातियों को छूट दे रखी है।

मीट की दुकानों पर बंदी से बेरोजगारी का संकट

पत्र में मौलाना ने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की कि कांवड़ यात्रा के दौरान कई शहरों में मीट की दुकानें बंद कर दी गईं, जिससे लाखों लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ा है। वहीं, उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब मीट की दुकानें बंद की गईं, तो शराब की दुकानों को क्यों नहीं बंद किया गया?
उन्होंने इस फैसले को “पक्षपातपूर्ण और गैर-न्यायसंगत” बताया।

मौलाना ने उठाई चार अहम मांगें

मौलाना कौसर हयात खान ने गृह मंत्री से मांग की कि प्रदेश सरकारों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं कि वे निम्नलिखित कदम उठाएं:

  1. मुख्य मार्गों को कांवड़ यात्रा के लिए बंद न किया जाए, इसके लिए अलग कॉरिडोर (Bypass Route) तैयार किया जाए।
  2. मीट की दुकानों व होटलों से प्रतिबंध हटाया जाए।
  3. मारपीट व तोड़फोड़ की घटनाओं में शामिल अराजक तत्वों पर तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाए।
  4. दुकानदारों और आम नागरिकों को हुए नुकसान की भरपाई सरकार करे और उनकी सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाएं।

पिछले साल भी लिख चुके हैं पत्र

मौलाना ने यह भी बताया कि 15 जुलाई 2024 को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और 1 अगस्त 2024 को डीजीपी को भी इसी संदर्भ में पत्र लिखा गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए अब उन्होंने केंद्र सरकार से सीधा हस्तक्षेप करने की मांग की है।

राजनीतिक हलकों में हलचल

इस पत्र के सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ गई है। एक तरफ जहां मौलाना ने आम लोगों के अधिकारों और सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है, वहीं भाजपा और कांवड़ यात्रा समर्थकों की तरफ से इस पर तीखी प्रतिक्रिया आ सकती है।

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