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अमेरिका ने ‘द रेज़िस्टेंस फ़्रंट’ को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया, भारत ने किया स्वागत

नई दिल्ली | अमेरिका ने ‘द रेज़िस्टेंस फ़्रंट’ (The Resistance Front – TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। इस फ़ैसले का भारत ने खुले दिल से स्वागत किया है और इसे भारत-अमेरिका के बीच मजबूत आतंकवाद विरोधी सहयोग का प्रतीक बताया है।

जयशंकर बोले – ‘आतंकवाद के ख़िलाफ़ हमारी साझेदारी मजबूत’

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय और विदेश मंत्री मार्को रुबियो को इस निर्णायक कदम के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा:

“यह भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ मजबूत सहयोग का प्रमाण है।”

अमेरिका का बड़ा कदम, TRF को बताया घातक संगठन

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए TRF को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) करार दिया। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा:

“द रेज़िस्टेंस फ़्रंट, जो लश्कर-ए-तैयबा का फ्रंट ग्रुप है, उसने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले की ज़िम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हुई थी।”

उन्होंने आगे कहा:

“यह हमला भारत में 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद सबसे घातक नागरिक हमला था। TRF ने भारतीय सुरक्षा बलों पर भी कई बार हमले किए हैं, जिनमें 2024 का एक बड़ा हमला भी शामिल है।”

भारत का आरोप – लश्कर-ए-तैयबा का ही दूसरा चेहरा है TRF

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भी सात मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में TRF को पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा:

“खुद को TRF कहने वाला यह संगठन दरअसल पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही मुखौटा है।”

TRF को लेकर पहले भी जताई गई थी चिंता

द रेज़िस्टेंस फ्रंट (TRF) 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहली बार चर्चा में आया था। भारत ने कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर TRF और इससे जुड़े संगठनों की भूमिका को उजागर किया है, जिनका पाकिस्तान से सीधा संबंध बताया जाता है।

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