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राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए बोले निशिकांत दुबे – “देश के हित से कोई लेना-देना नहीं”

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे एक बार फिर अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को न तो संसद के नियमों की जानकारी है और न ही देश के हितों की परवाह। साथ ही आरोप लगाया कि राहुल गांधी अपने पिता राजीव गांधी द्वारा लाए गए कानून को भी नहीं समझते।

राहुल गांधी को नियम नहीं पता: निशिकांत दुबे

निशिकांत दुबे ने कहा कि

“राहुल गांधी संसद में भाषण देकर तुरंत बाहर निकल जाते हैं। उन्हें शायद यह भी नहीं मालूम कि संसद का नियम 349 कहता है कि बोलने के बाद सदस्य को सदन में उपस्थित रहना चाहिए। वह मल्लिकार्जुन खड़गे जी से ही कुछ सीख लें।”

‘देश के हितों से कोई लेना-देना नहीं’

दुबे ने राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा,

“देश के इतिहास में शायद राहुल गांधी ही एकमात्र ऐसे नेता हैं जो विपक्ष में रहते हुए भी देश के हित से जुड़े मुद्दों पर गंभीर नहीं रहते। उनकी उपस्थिति कई सत्रों में शून्य रही है।”

SIR का विरोध कर फंसे राहुल?

बिहार में जारी SIR (Special Intensive Revision) को लेकर राहुल गांधी के विरोध पर भी निशिकांत दुबे ने सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा,

“राहुल गांधी को यह भी जानकारी नहीं कि यह कानून उनके ही पिता राजीव गांधी द्वारा लाया गया था। SIR का मकसद फर्जी वोटरों को हटाना है, जिसमें बांग्लादेशी घुसपैठिए भी शामिल हैं। कांग्रेस इसी घुसपैठ के आधार पर सत्ता हासिल करना चाहती है।”

ऑपरेशन सिंदूर पर भी बोले दुबे

निशिकांत दुबे ने हाल में सुर्खियों में आए ऑपरेशन सिंदूर पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा,

“प्रोविजनल रिपोर्ट बताती है कि हम जीत चुके हैं। लेकिन अंतिम जीत तभी मानी जाएगी जब POK (पाक अधिकृत कश्मीर) को वापस लाया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी का साफ कहना है – अब पाकिस्तान से बात तभी होगी जब वह POK वापस करेगा।”

इमरान प्रतापगढ़ी का पलटवार

दुबे के बयान पर कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने पलटवार करते हुए कहा कि,

“निशिकांत दुबे को मोदी जी ने सिर्फ विपक्षी नेताओं पर हमला करने के लिए ही रखा है। पहले यह काम स्मृति ईरानी करती थीं, अब वही काम दुबे कर रहे हैं। वह संसद का इस्तेमाल गंभीर बहस की बजाय, गांधी परिवार को टारगेट करने के लिए करते हैं।”

प्रतापगढ़ी ने कहा कि संसद में विपक्ष की आवाज दबाने की साजिश हो रही है और निशिकांत दुबे जैसे नेता उसमें सबसे आगे हैं।

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