ऑपरेशन महादेव: पहलगाम हमले के तीनों आतंकी ढेर, संसद में बोले अमित शाह

लोकसभा में मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे जिम्मेदार तीनों आतंकवादियों को मार गिराया गया है। उन्होंने कहा कि इन आतंकियों को “संयुक्त ऑपरेशन महादेव” के तहत सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया।
अमित शाह ने बताया कि इस संयुक्त अभियान में भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर कार्रवाई की। ऑपरेशन महादेव के तहत जिन आतंकियों को मारा गया, उनके नाम सुलेमान, जिबरान और अबू हमजा हैं। गृह मंत्री ने कहा कि लश्कर आतंकी सुलेमान की पहचान पुख्ता रूप से हुई है और उसके खिलाफ कई सबूत मौजूद हैं।
आतंकी हमले के बाद बना ऑपरेशन प्लान
गृह मंत्री ने बताया कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई गई। इसमें यह तय हुआ कि घटना की जांच एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को सौंपी जाएगी और आतंकियों को किसी भी हालत में पाकिस्तान भागने नहीं दिया जाएगा।
इसके बाद 23 अप्रैल से सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई शुरू हुई। 22 मई से “ऑपरेशन महादेव” की शुरुआत की गई, जो करीब दो महीने तक चला।
1055 लोगों से हुई पूछताछ, 3 हजार घंटे की मेहनत
गृह मंत्री के मुताबिक, जांच के दौरान 1055 लोगों से करीब 3000 घंटे की पूछताछ की गई। इसमें पर्यटक, स्थानीय लोग, खच्चर चलाने वाले, वीडियो कैमरामैन समेत कई चश्मदीद शामिल रहे। इसी के आधार पर आतंकियों का स्कैच तैयार किया गया और उनकी मूवमेंट को ट्रैक किया गया।
22 जून को बशीर और परवेज नामक दो स्थानीय लोगों की पहचान हुई, जिन्होंने आतंकी घटना के अगले दिन तीन आतंकियों को अपने घर में पनाह दी थी। पूछताछ में सामने आया कि 21 अप्रैल की रात तीन आतंकी बैसरण इलाके में पहुंचे थे। उनके पास AK-47 और M9 जैसे आधुनिक हथियार थे।
22 जुलाई को हुआ बड़ा एक्शन
गृह मंत्री शाह ने बताया कि 22 मई से 22 जुलाई तक आतंकियों के मोबाइल और सैटेलाइट सिग्नल ट्रैक किए जा रहे थे। 22 जुलाई को इनकी पुष्टि सेंसर के जरिए हुई, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने तीनों को घेरकर बैसरण में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया।
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के बाद जब आतंकियों के शव श्रीनगर लाए गए, तो हिरासत में लिए गए संदिग्धों ने उनकी पहचान भी की। घटनास्थल से AK-47 और M9 के कारतूस बरामद हुए, जिनकी जांच के लिए सैंपल चंडीगढ़ की लैब में भेजे गए। रात भर चली फॉरेंसिक जांच के बाद सुबह 4 बजे छह वैज्ञानिकों ने वीडियो कॉल पर पुष्टि की कि ये वही गोलियां थीं जो पहलगाम हमले में इस्तेमाल की गई थीं।
शाह का सख्त संदेश
गृह मंत्री ने कहा कि आतंकियों को पनाह देने वालों पर भी सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है, और देश में किसी भी आतंकी को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने ऑपरेशन महादेव को सुरक्षा बलों की एक बड़ी सफलता बताया और कहा कि इससे यह साबित होता है कि भारत की सुरक्षा एजेंसियां हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं।