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SIR पर संसद में संग्राम: विपक्ष कर रहा हंगामा, सरकार बोली– बिल पास…

नई दिल्ली/पटना: बिहार में मतदाता सूची के Special Intensive Revision (SIR) को लेकर संसद में जोरदार हंगामा जारी है। विपक्ष इस मुद्दे पर संसद में बहस की मांग कर रहा है, जबकि सरकार और लोकसभा अध्यक्ष साफ कर चुके हैं कि चुनाव आयोग की कार्यवाही पर चर्चा नहीं हो सकती। ऐसे में गतिरोध लगातार बना हुआ है।

अब इस गतिरोध को हल करने के लिए सुझाव आया है कि SIR पर अलग से चर्चा कराने के बजाय “चुनाव सुधारों” पर चर्चा की जाए, जिसमें SIR जैसे मुद्दों को भी शामिल किया जा सकता है। हालांकि, सरकार ने साफ किया है कि संसद में किसी भी चर्चा की अनुमति नियमों के तहत चेयर (अध्यक्ष) ही देता है।

सरकार का रुख सख्त: हंगामे के बीच भी होंगे बिल पारित

सूत्रों के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने विपक्ष से कहा है कि मंगलवार से सदन की कार्यवाही चलाई जाएगी और अगर विपक्ष हंगामा करता है तो भी सरकार के प्रस्तावित विधेयकों पर चर्चा कर उन्हें पारित किया जाएगा। सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि विपक्ष की भागीदारी न होने पर भी संसद का काम बाधित नहीं किया जाएगा।

विपक्ष का आरोप: लाखों लोगों से छीना गया वोटिंग का अधिकार

बिहार की वोटर लिस्ट में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत लाखों नाम हटाए जाने को लेकर विपक्ष आक्रामक है। विपक्षी दलों का आरोप है कि चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया के जरिए लाखों लोगों से वोटिंग का अधिकार छीन लिया है। वे इस मुद्दे पर संसद में बहस की मांग कर रहे हैं और सरकार पर संवैधानिक संस्था की आड़ में जवाबदेही से बचने का आरोप लगा रहे हैं।

रिजिजू ने ठुकराई चर्चा की मांग

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था के कार्यों पर संसद में चर्चा नहीं की जा सकती। उन्होंने शुक्रवार को कहा था कि “SIR” पर चर्चा की मांग नियमों के खिलाफ है।

65 लाख नाम हटाए गए

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को SIR के तहत ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की, जिसमें पूरे बिहार में लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। राज्य में कुल 7.24 करोड़ वोटर हैं। आयोग के अनुसार, जिन नामों को हटाया गया है उनमें मृतक, विस्थापित और विदेशी नागरिक शामिल हैं।

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