जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, केंद्र ने मांगा 8 हफ्ते का समय

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देने की मांग वाली याचिकाओं पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान चीफ़ जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने पर विचार करते समय ज़मीनी हालात को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। उन्होंने टिप्पणी की, “पहलगाम में जो हुआ उसे आप नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते।”
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि सरकार ने चुनावों के बाद राज्य का दर्जा बहाल करने का आश्वासन दिया था। हालांकि उन्होंने मौजूदा हालात को “अजीबोगरीब” बताते हुए इस मुद्दे पर विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए 8 हफ़्ते का समय मांगा।
गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिली विशेष स्थिति को समाप्त कर दिया था। इसके साथ ही राज्य को विभाजित कर दो केंद्र शासित प्रदेश – जम्मू-कश्मीर और लद्दाख – का गठन किया गया था।