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सर क्रीक पर राजनाथ सिंह का कड़ा संदेश: “पाकिस्तान अगर हिमाकत करेगा तो इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे”

भुज (गुजरात)। विजयादशमी के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को सीधी चेतावनी दी है। भुज एयरबेस पर शस्त्र पूजा के बाद जवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान ने सर क्रीक क्षेत्र में किसी भी तरह का दुस्साहस किया, तो उसे ऐसा जवाब मिलेगा कि “इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे।”

1965 का युद्ध और कराची का रास्ता

रक्षा मंत्री ने अपने भाषण में पाकिस्तान को 1965 की जंग की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि उस समय भारतीय सेना लाहौर तक पहुंचने की क्षमता दिखा चुकी थी। आज 2025 में पाकिस्तान को यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि कराची तक जाने का रास्ता भी इसी सर क्रीक से होकर गुजरता है।

सर क्रीक क्या है?

  • सर क्रीक कच्छ की खाड़ी में स्थित लगभग 96 किलोमीटर लंबी संकरी जलधारा है।
  • यह भारत के गुजरात और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बीच आती है।
  • ज्वारीय इलाका होने के कारण यह समुद्री और जमीनी सीमाओं को जोड़ता है।
  • सामरिक दृष्टि से यह क्षेत्र बेहद संवेदनशील और महत्वपूर्ण माना जाता है।

क्यों है विवाद?

सर क्रीक विवाद की जड़ 1914 के समझौते में बताई जाती है।

  • भारत के अनुसार सीमा सर क्रीक के पूर्वी तट पर है।
  • पाकिस्तान पश्चिमी तट को सीमा मानता है।
  • भारत का कहना है कि ऐतिहासिक दस्तावेज़ और मध्य रेखा (midline principle) ही सीमा निर्धारण का आधार होना चाहिए।

यही कारण है कि यह विवाद दशकों से अनसुलझा है और कई बार कूटनीतिक स्तर पर बातचीत के बावजूद हल नहीं हो पाया।

सामरिक महत्व और संसाधन

सर क्रीक अरब सागर के नजदीक है और यहीं से कराची पोर्ट तक पहुंचने का मार्ग भी निकलता है।

  • यहां हाइड्रोकार्बन और प्राकृतिक गैस के संभावित भंडार होने की संभावना जताई गई है।
  • मछली और अन्य समुद्री संसाधनों की भरमार भी इस इलाके को और अहम बनाती है।
  • सामरिक दृष्टि से यह क्षेत्र हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिहाज से भी बेहद संवेदनशील है।

पाकिस्तान की हालिया गतिविधियां और भारत की प्रतिक्रिया

रक्षा मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के 78 वर्षों के बाद भी पाकिस्तान सर क्रीक विवाद को हल करने में गंभीर नहीं है।

  • हाल में पाकिस्तान ने सर क्रीक के पास सैन्य ढांचे का विस्तार किया है।
  • भारत ने इसे क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने की कोशिश बताया है।
  • राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि भारतीय सेना और बीएसएफ पूरी सतर्कता से सीमा की रक्षा कर रहे हैं और किसी भी आक्रामकता का निर्णायक जवाब देंगे।

ऑपरेशन ‘सिंदूर’ का जिक्र

राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में ऑपरेशन “सिंदूर” का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने इस दौरान लेह से लेकर सर क्रीक तक भारत के रक्षा तंत्र को भेदने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेनाओं ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को प्रभावित कर दिया।

उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन ने पूरी दुनिया को यह संदेश दिया कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम और तैयार है।

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