संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने आरएसएस पर तंज, कहा- “कथनी और करनी में फर्क है”

संभल,। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने आरएसएस के 100 साल पूरे होने पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि आरएसएस की कथनी और करनी में अंतर साफ नजर आता है।
“आरएसएस की कथनी और करनी में फर्क”
सपा सांसद ने कहा कि आरएसएस के शीर्ष नेतृत्व कहते हैं कि हर धार्मिक स्थल के नीचे मंदिर नहीं खोजना चाहिए, लेकिन उनके नीचे के लोग लगातार इस मुद्दे को हवा दे रहे हैं। बर्क ने बताया:
“कुछ लोग नफरत की भाषा बोलकर धर्म के नाम पर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोगों का बहिष्कार होना चाहिए। हमें तो आरएसएस की करनी और कथनी में फर्क नजर आता है।”
सांसद ने आगे कहा कि यदि आरएसएस एक संस्था है और बीजेपी उसकी शाखा है, तो उनका काम ऐसा होना चाहिए कि देश की तरक्की और आने वाली पीढ़ियों के लिए यादगार योगदान हो, न कि देश को बांटने के लिए।
दशहरे पर संदेश: “अपने दिलों के रावण का दहन करें”
जियाउर्रहमान बर्क ने दशहरे के मौके पर भी अपनी बात रखी और कहा:
- “हर साल रावण को जलाकर दशहरा मनाते हैं, लेकिन सिर्फ रावण नहीं, दिलों के अंदर के रावण को भी जलाना पड़ेगा।”
- उन्होंने जोर दिया कि जो लोग सही मार्ग पर नहीं हैं, उन्हें देशभक्ति और समाज सेवा की भावना अपनानी चाहिए।
सांसद ने यह भी कहा कि सच्ची देशभक्ति और धर्म के प्रति वफादारी तभी होती है जब इंसान सभी धर्मों और समुदायों के लिए काम करे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा:
“हमारा धर्म यह सिखाता है कि अगर पड़ोसी किसी भी धर्म का है और भूखा सो रहा है, जबकि हम सुकून में सो रहे हैं, तो हम सच्चे मुसलमान नहीं हो सकते।”
सपा सांसद ने आरएसएस और उसके अनुयायियों पर कटाक्ष करते हुए साफ किया कि देशभक्ति केवल भाषण और नारे से नहीं, बल्कि समाज और धर्म के लिए काम करने से होती है।