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हरिद्वार की हर की पौड़ी सूखी, श्रद्धालुओं की आस्था को झटका

हरिद्वार। दशहरे के मौके पर गंगा स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए हर की पौड़ी पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं को इस बार सूखे घाट का सामना करना पड़ा। शुक्रवार को गंगा नहर बंद होने से पानी की भारी कमी हो गई, जिससे आस्था से जुड़े अनुष्ठान जैसे स्नान, पिंड दान और अस्थि विसर्जन प्रभावित हुए।

श्रद्धालु और पंडित निराश

स्थानीय पंडितों का कहना है कि हर साल दशहरे पर नहर की सफाई के लिए पानी रोका जाता है, लेकिन कम से कम दो फीट पानी छोड़ा जाता है ताकि धार्मिक अनुष्ठान पूरे हो सकें।
इस बार नहर पूरी तरह बंद कर दी गई, जिससे घाट पूरी तरह सूख गया।

मुरादाबाद से आए श्रद्धालु मनोज कुमार ने कहा—“गंगा स्नान के लिए आए थे, लेकिन डुबकी लगाने लायक पानी भी नहीं है। ऐसा अनुभव कभी नहीं हुआ।”

स्थानीय व्यापारियों पर असर

सूखी गंगा धारा से न केवल श्रद्धालुओं की आस्था आहत हुई, बल्कि स्थानीय दुकानदारों और पंडितों का कारोबार भी प्रभावित हुआ। पूजा सामग्री की बिक्री ठप हो गई और गंगा तट पर निराशा का माहौल छा गया।

लोगों की मांग

स्थानीय लोगों और पंडितों ने प्रशासन से अपील की कि नहर की सफाई ज़रूरी है, लेकिन पर्व-त्योहार के दौरान न्यूनतम जलस्तर बनाए रखना चाहिए ताकि धार्मिक परंपराएं बाधित न हों।

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