बरेली बवाल पर सियासत तेज, डिप्टी सीएम ने अखिलेश पर कसा तंज

उत्तर प्रदेश के बरेली में 26 सितंबर को जुम्मे की नमाज के बाद हुए बवाल के बाद अब राजनीतिक तापमान भी बढ़ गया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घटना की जांच के लिए 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल गठित किया, लेकिन इससे पहले ही सरकार ने सपा नेताओं को रोक दिया। इसी बीच, राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर कड़ा प्रहार किया है।
डिप्टी सीएम मौर्य ने एक्स (Twitter) पर पोस्ट करते हुए कहा—“सपा बहादुर अखिलेश यादव का बरेली में प्रतिनिधिमंडल भेजना नौटंकी और बचकाना कदम है। सपा की पहचान मुस्लिम तुष्टिकरण की गंदी राजनीति से है। विधानसभा चुनाव 2027 में सपा की दुर्दशा और सफाया तय है।”
उन्होंने आगे लिखा कि “उत्तर प्रदेश अब दंगा-मुक्त, सुशासन और कानून-व्यवस्था वाला राज्य है। यही भाजपा की पहचान और उपलब्धि है, जो सपा को रास नहीं आ रही।”
सपा नेताओं को पुलिस ने रोका, कई हाउस अरेस्ट
अखिलेश यादव द्वारा बनाए गए 14 सदस्यीय सपा प्रतिनिधिमंडल को बरेली जाने से पहले ही पुलिस ने रोक लिया। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय को लखनऊ में और सांसद जिया उर रहमान बर्क को संभल में हाउस अरेस्ट कर लिया गया है।
वहीं दिल्ली से रवाना हुए सपा सांसद इकरा हसन, हरेंद्र मलिक और मोहिबुल्लाह नदवी को भी मेरठ टोल प्लाजा पर रोक दिया गया।
इससे पहले नगीना सांसद चंद्रशेखर आज़ाद को भी पुलिस ने बरेली जाने से रोक दिया था।
बरेली में स्थिति नियंत्रण में, इंटरनेट सेवा बहाल
बरेली में शुक्रवार, 3 अक्टूबर को जुमे की नमाज शांतिपूर्वक संपन्न हुई। प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनज़र 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी। शहर में किसी भी प्रकार के धरना-प्रदर्शन या राजनीतिक कार्यक्रम पर फिलहाल रोक है।
26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद “आई लव मोहम्मद” के नारे को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसके बाद तनाव फैल गया। अब तक 80 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।