मायावती पर अखिलेश यादव का पलटवार, कहा- “बीजेपी और बसपा के बीच अंदरूनी सांठगांठ

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती के लखनऊ में आयोजित महारैली में सपा और उसके प्रमुख अखिलेश यादव पर तंज कसने के बाद अब अखिलेश ने पलटवार किया है। मायावती ने सपा को “दोगली पार्टी” बताते हुए आरोप लगाया था कि पिछली सरकार में स्मारकों का रखरखाव नहीं हुआ और पीडीए के लोगों के साथ अन्याय किया गया।
अखिलेश ने कहा — “पीडीए के साथ अन्याय हो रहा”
सपा प्रमुख ने कहा कि प्रदेश में हर स्तर पर पीडीए के साथ अन्याय और भेदभाव हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि सपा और उनके नेता हमेशा दलित, शोषित और वंचित वर्ग के हित में संघर्ष करते आए हैं और उनके सामाजिक-राजनीतिक अधिकार बढ़ाने के लिए काम किया है।
अखिलेश ने कहा,
“अगर मायावती प्रतिमा लगवाती हैं तो मैं भी कई प्रतिमाएं लगवा चुका हूँ। स्मारकों के रखरखाव के लिए LDA को निर्देश दिए गए थे, यह तथ्य मायावती भूल जाती हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि PDA सरकार बनने के बाद कांशीराम की प्रतिमा रिवर फ्रंट पर लगवाई जाएगी।
बरेली हिंसा और प्रशासनिक विफलता
अखिलेश ने बरेली में हुई हिंसा को लेकर कहा कि यह राजनीतिक लाभ के लिए भड़का हुआ मामला था। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन और सरकार की विफलता के कारण हालात बिगड़े। साथ ही उन्होंने प्रदेशभर में थानों की पोस्टिंग में भेदभाव का भी जिक्र किया और कहा कि पीडीए के लोगों के साथ अन्याय किया जा रहा है।
बुलडोजर संस्कृति पर आलोचना
सपा प्रमुख ने बुलडोजर संस्कृति की भी निंदा की और इसे गलत ठहराया। उनका कहना था कि यह जनता के अधिकारों के खिलाफ है और उनके खिलाफ किए गए अन्याय का प्रतिरोध किया जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषण
विशेषज्ञ मानते हैं कि मायावती का बयान और अखिलेश का पलटवार यूपी की सियासत में गठबंधन और चुनावी रणनीति का हिस्सा है। दोनों दलों के बीच यह बयानबाजी आगामी चुनावों में राजनीतिक टकराव और मतदाताओं के बीच ध्रुवीकरण बढ़ा सकती है।