सपा नेता इरफान सोलंकी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत, इस मामले में कार्रवाई पर रोक

कानपुर के सीसामऊ से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जाजमऊ थाने में दर्ज रंगदारी और मारपीट के मामले में हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
मामले की सुनवाई जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच में हुई, जिसमें कोर्ट ने इरफान सोलंकी के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट के इस आदेश के बाद सपा कार्यकर्ताओं और इरफान समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। खुद इरफान सोलंकी ने भी अदालत का आभार जताया है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला दिसंबर 2022 का है। जाजमऊ थाने में विमल कुमार नाम के व्यक्ति ने इरफान सोलंकी, बिल्डर हाजी वसी, शाहिद लारी और कमर आलम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप था कि इन लोगों ने जाजमऊ स्थित उसकी 1000 वर्ग मीटर जमीन (आराजी संख्या 963) पर जबरन कब्जा किया और बाउंड्री वॉल भी तोड़ दी।
शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपियों ने उससे रंगदारी वसूली, धोखाधड़ी और गाली-गलौज की। विरोध करने पर उसे धमकाया गया और मारपीट की गई। इस मामले में ट्रायल कोर्ट में सुनवाई चल रही थी, जिसे खत्म करने की मांग करते हुए इरफान सोलंकी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
हाईकोर्ट ने उनकी दलीलों को सुनने के बाद ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए कहा कि अगले आदेश तक कोई कदम न उठाया जाए।
गुरुवार को सुरक्षित रखा गया था फैसला
इस याचिका पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे आज सुनाया गया। इरफान सोलंकी के वकीलों ने अदालत में कहा कि यह राजनीतिक साजिश का मामला है और उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के सबूत कमजोर हैं। कोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए उन्हें अंतरिम राहत दी।
लगातार दूसरी राहत
बता दें कि इरफान सोलंकी को सितंबर 2025 में गैंग्स्टर एक्ट के मामले में जमानत मिली थी। अब हाईकोर्ट से यह दूसरी बड़ी राहत है, जिससे उनकी राजनीतिक वापसी की राह आसान होती दिख रही है।
कौन हैं इरफान सोलंकी?
इरफान सोलंकी कानपुर की सीसामऊ सीट से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक हैं। वह स्थानीय स्तर पर मुस्लिम समुदाय के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी नेताओं में शामिल हैं। फिलहाल उनकी पत्नी नसीम सोलंकी वर्तमान विधायक हैं।