बिहार चुनाव: मुस्लिम वोटों पर सियासी संग्राम, चिराग के बयान पर तेजस्वी यादव का पलटवार

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर इन दिनों सियासत गर्म है। चुनावी माहौल के बीच मुसलमान वोट बैंक को लेकर नेताओं के बीच जमकर बयानबाजी हो रही है। महागठबंधन (INDIA Bloc) में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों चेहरे तय हो चुके हैं, जिसके बाद विपक्षी दलों और नेताओं ने मुसलमानों की राजनीतिक हिस्सेदारी को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
तेजस्वी यादव बोले – मुसलमानों की चिंता हमें है
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा था कि “आरजेडी 2005 में भी मुस्लिम मुख्यमंत्री देने को तैयार नहीं थी और 2025 में भी नहीं है।”
इसके जवाब में तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए कहा,
“जो लोग मुसलमानों को पाकिस्तान भेजने की बात करते हैं, जिनको बीजेपी घुसपैठिया कहती है, वही आज मुस्लिमों की चिंता जता रहे हैं। हम बता देते हैं कि उनकी चिंता हम दूर करेंगे।”
तेजस्वी ने आगे कहा कि “बीजेपी अति पिछड़ों से नफरत करती है। महागठबंधन ने मुकेश साहनी को डिप्टी सीएम चेहरा बनाकर इसका जवाब दिया है।”
महागठबंधन में तय हुए सीएम और डिप्टी सीएम फेस
महागठबंधन ने बिहार चुनाव के लिए तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री और वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी को उपमुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया है।
बीजेपी और अन्य दलों ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि महागठबंधन ने मुस्लिम समुदाय को फिर दरकिनार कर दिया है।
मुस्लिम वोट बैंक का समीकरण
बिहार में करीब 17–18% मुस्लिम आबादी है। यह समुदाय राज्य की लगभग 37 विधानसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव से पहले मुस्लिमों को लेकर बढ़ती बयानबाजी सभी दलों के वोट बैंक को प्रभावित कर सकती है।
एआईएमआईएम ने भी उठाए सवाल
एआईएमआईएम नेता असीम वकार ने कहा कि,
“13% वाले यादव जी 18% मुसलमानों से कह रहे हैं कि हमें वोट दो, हम तुम्हें बीजेपी से बचा लेंगे। अब मुसलमान उपमुख्यमंत्री से नीचे कोई समझौता नहीं करेगा।”


