उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या महायोजना 2031 की समीक्षा की: विकास में भव्यता, आस्था और आधुनिकता का समन्वय


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अयोध्या महायोजना 2031 से संबंधित प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए कहा कि अयोध्या का विकास भव्यता, आस्था और आधुनिकता का समन्वित रूप होना चाहिए। सीएम ने निर्देश दिए कि सभी विकास कार्यों में अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान, धार्मिक गरिमा और पर्यावरणीय संतुलन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

महायोजना के प्रमुख बिंदु

  • अयोध्या को ग्लोबल आध्यात्मिक नगरी, ज्ञान नगरी और उत्सव नगरी के रूप में विकसित करना
  • तीर्थ अनुकूल अवसंरचना, ऐतिहासिक सर्किट, हेरिटेज वॉक, हरित एवं सौर ऊर्जा आधारित नगरी का निर्माण
  • शहर को 18 जोनों में विभाजित कर संतुलित भूमि उपयोग सुनिश्चित करना
  • 2031 तक अनुमानित जनसंख्या 23.94 लाख, जिसमें आवासीय भूमि 52.56%, वाणिज्यिक 5.11%, औद्योगिक 4.65%, परिवहन 12.20%, हरित एवं खुले क्षेत्र 14.31%

भविष्य की सुविधाएं और निवेश

  • नए आवासीय टाउनशिप, भव्य प्रवेश द्वार, बहुस्तरीय पार्किंग
  • 84 कोसी परिक्रमा मार्ग, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस मार्ग, रिंग रोड, एयरपोर्ट
  • टेंपल म्यूज़ियम, सौर ऊर्जा संयंत्र, होटल और आधुनिक नागरिक सुविधाएं
  • 159 निवेश परियोजनाएं, लगभग 8,594 करोड़ रुपये का निवेश, स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार सृजन

पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए सुविधा

  • सड़क, रेल और वायु मार्ग से उत्कृष्ट संपर्क
  • बस और ट्रक अड्डों सहित पार्किंग का विकास
  • सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए भूमि आरक्षित, देसी मॉडल अपनाने पर जोर

सस्टेनेबल और सौंदर्यपूर्ण विकास

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या का विकास न केवल धार्मिक पर्यटन बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से प्रेरक उदाहरण बने। नदी सरयू के तटों और हरित पट्टियों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को अनियोजित प्लाटिंग और बसावट रोकने के निर्देश भी दिए।

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