उत्तर प्रदेश

नोएडा में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर, GRAP लागू होने के बाद प्राधिकरण ने तेज की कार्रवाई

दिल्ली-एनसीआर की तरह नोएडा में भी वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। वायु गुणवत्ता लगातार ‘खराब’ श्रेणी में रहने के बाद नोएडा प्राधिकरण ने मॉनिटरिंग और कार्रवाई को और सख्त कर दिया है। CAQM द्वारा 14 अक्टूबर से लागू ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत शहर में बड़े पैमाने पर प्रदूषण नियंत्रण अभियान शुरू किया गया है।

14 टीमों ने संभाली कमान, 14.95 लाख का जुर्माना

नोएडा प्राधिकरण ने GRAP के नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए 14 विशेष टीमें गठित की हैं, जो पूरे शहर में निर्माण स्थलों, मुख्य सड़कों और खुले इलाकों का सर्वे कर रही हैं।मॉनिटरिंग के दौरान जहां भी नियमों का उल्लंघन पाया गया, वहां कुल 14,95,000 रुपए का अर्थदंड लगाया गया है। प्राधिकरण का कहना है कि टीमें रोजाना फील्ड में सक्रिय हैं और किसी भी लापरवाही पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है।

धूल नियंत्रण के लिए बड़े पैमाने पर कदम

प्रदूषण कम करने के लिए शहर में धूल नियंत्रण को प्राथमिकता दी गई है—

  • 60 टैंकरों से रोजाना 260–280 किमी सड़क पर पानी का छिड़काव
  • 14 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों द्वारा 340 किमी सड़क सफाई
  • उद्यान विभाग द्वारा 25 टैंकरों से सेंट्रल वर्ज की पौधारोपण पट्टी की धुलाई
  • निर्माण स्थलों पर 88 स्टैटिक और 10 ट्रक-माउंटेड एंटी-स्मॉग गन की तैनाती

इसके अलावा सेक्टर-80 स्थित 400 TPD C&D वेस्ट प्लांट में GRAP अवधि के दौरान 12,199 टन कंस्ट्रक्शन मलबे का निस्तारण किया गया।

निर्माण स्थलों पर सख्त निगरानी

प्राधिकरण की टीमें रोजाना निर्माण परियोजनाओं का निरीक्षण कर रही हैं।
नियमों के तहत—

  • सभी निर्माण सामग्री पर ग्रीन नेट लगाना अनिवार्य,
  • नियमित वॉटर स्प्रे,
  • साइट के चारों ओर मेटल शीट और ग्रीन कारपेट लगाना जरूरी है।

GRAP गाइडलाइन और एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन मिलने पर तुरंत जुर्माना और काम रोकने की कार्रवाई की जा रही है।

आने वाले दिनों में और सख्ती

प्राधिकरण ने साफ किया है कि प्रदूषण नियंत्रण का यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। नियम न मानने वालों पर और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।शहर में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए तकनीक, टीमवर्क और लगातार फील्ड मॉनिटरिंग की मदद से प्रयास जारी हैं।

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