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लोकसभा में चुनाव सुधार और वोटर लिस्ट के एसआईआर पर बहस, कांग्रेस ने उठाए कई सवाल

नई दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को चुनाव आयोग (ECI) द्वारा कराए जा रहे चुनाव सुधारों और वोटर लिस्ट की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया पर बहस शुरू हुई। विपक्ष की ओर से बहस की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि यह प्रक्रिया चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाती है और देश में लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा कर रही है।

मनीष तिवारी ने कहा, “देश में सबसे बड़ा चुनाव सुधार राजीव गांधी के दौर में हुआ था, जब वोट डालने की उम्र 21 से घटाकर 18 साल कर दी गई थी। आज चुनाव आयोग के पास SIR सुधार कराने का अधिकार नहीं है।”

कांग्रेस की तीन प्रमुख मांगें

लोकसभा में मनीष तिवारी ने चुनाव सुधारों को लेकर तीन बड़ी मांगें रखीं:

  1. चुनाव आयोग के सदस्यों के चयन में बदलाव: CEC और ECs के चयन पैनल में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को भी शामिल किया जाए।
  2. SIR प्रक्रिया में बदलाव: पूरी तरह राज्य में न करके केवल उसी विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र में SIR कराया जाए, जहां शिकायत दर्ज हो।
  3. चुनाव प्रणाली सुधार: चुनाव पेपर बैलेट से कराए जाएं या कम से कम 100% VVPAT काउंटिंग की जाए, क्योंकि EVM वोटों में हेरफेर के आरोप लगते रहे हैं।

बहस में अन्य मुद्दे और विपक्ष का रुख

मनीष तिवारी ने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए और कहा कि जनता में आयोग की निष्पक्षता पर भरोसा कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले सरकारी खातों में पैसों के ट्रांसफर को रोकने की भी जरूरत है।

लोकसभा में मंगलवार और बुधवार को एसआईआर और चुनाव सुधार से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा होगी। इसके अलावा, राज्यसभा में बुधवार और गुरुवार को चुनाव सुधारों पर चर्चा तय है।

बहस में कांग्रेस के अलावा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, वर्षा गायकवाड़, मोहम्मद जावेद, उज्ज्वल रमन सिंह, इमरान मसूद, रवि मल्लू, ईशा खान चौधरी और अन्य सांसद भी शामिल होंगे और अपनी राय रखेंगे।

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