उत्तर प्रदेश

यूपी को कल मिलेगा नया बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष, लखनऊ में सियासी हलचल तेज

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को रविवार, 14 दिसंबर को नया बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मिलने जा रहा है। इससे पहले ही प्रदेश की राजनीति में सरगर्मी तेज हो गई है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद का चुनाव 14 दिसंबर को होगा और उसी दिन नए अध्यक्ष के नाम का औपचारिक ऐलान किया जाएगा। चुनाव को लेकर दिल्ली से लखनऊ तक संगठन पूरी तरह सक्रिय नजर आ रहा है।

464 वोटर करेंगे अध्यक्ष का चुनाव

प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए कुल 464 वोटर लखनऊ में मौजूद रहेंगे। इनमें मतदाता सूची के 39 सदस्य शामिल हैं—

  • 5 सांसद
  • 8 विधान परिषद सदस्य (MLC)
  • 26 विधायक (MLA)

इसके अलावा प्रांतीय परिषद और जिला अध्यक्षों समेत 425 सदस्य भी वोट डालेंगे। सभी वोटर 14 दिसंबर को लखनऊ में रहेंगे। अध्यक्ष चुनाव में वोट देने वाले सांसदों में डॉ. महेश शर्मा, एसपी सिंह बघेल, कमलेश पासवान, देवेंद्र सिंह भोले और विनोद कुमार बिंद शामिल हैं।

रेस में सबसे आगे पंकज चौधरी

सूत्रों के मुताबिक, यूपी बीजेपी अध्यक्ष का चेहरा ओबीसी वर्ग से तय माना जा रहा है। खासतौर पर कुर्मी जाति के नेता को प्राथमिकता दिए जाने की चर्चा है। इस रेस में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का नाम सबसे आगे चल रहा है।
पंकज चौधरी शनिवार सुबह दिल्ली से लखनऊ के लिए रवाना हो चुके हैं।

लखनऊ पहुंचते ही बढ़ी हलचल

पंकज चौधरी के साथ ही बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और यूपी चुनाव पर्यवेक्षक विनोद तावड़े भी उसी फ्लाइट से लखनऊ पहुंचे। एयरपोर्ट से पंकज चौधरी सीधे वीवीआईपी गेस्ट हाउस गए, जहां से वे बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचकर नामांकन प्रक्रिया में शामिल होंगे।

सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए दोपहर 2 से 3 बजे के बीच नामांकन हो सकता है। वहीं 14 दिसंबर को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में नए अध्यक्ष के स्वागत का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

संगठन के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात

नामांकन से पहले पंकज चौधरी ने उत्तर प्रदेश के पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी से उनके आवास पर मुलाकात की। इसके बाद वे गोरखपुर क्षेत्र से सांसद और केंद्रीय मंत्री कमलेश पासवान के घर डिनर मीटिंग के लिए पहुंचे।
सूत्र बताते हैं कि पिछले रविवार को ही बीजेपी संगठन मंत्री बीएल संतोष ने पंकज चौधरी से प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने का आग्रह किया था।

पिछड़ा वर्ग पर बीजेपी का फोकस क्यों?

बीजेपी के आंतरिक आकलन के मुताबिक, 2024 लोकसभा चुनाव में ओबीसी वोट बैंक में गिरावट देखी गई।

  • कुर्मी और कोइरी वोट 2019 में जहां करीब 80% थे, वहीं 2024 में घटकर 61% रह गए।
  • अन्य ओबीसी वर्ग का समर्थन भी 74% से गिरकर 59% पर आ गया।

वहीं समाजवादी पार्टी का पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) फॉर्मूला बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। ऐसे में पार्टी पिछड़ी जातियों को फिर से मजबूती से अपने साथ जोड़ना चाहती है।

पंकज चौधरी बनाम योगी का सियासी समीकरण

पंकज चौधरी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों ही गोरखपुर क्षेत्र से आते हैं। पंकज चौधरी पूर्वी यूपी के महाराजगंज से सात बार सांसद रह चुके हैं। उन्होंने राजनीति की शुरुआत पार्षद चुनाव से की थी और गोरखपुर के डिप्टी मेयर भी रहे हैं।
क्षेत्रीय राजनीति में शुरुआत से ही योगी आदित्यनाथ और पंकज चौधरी के बीच प्रतिस्पर्धा मानी जाती रही है।

पंकज चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने की संभावनाओं को यूपी की राजनीति में योगी आदित्यनाथ के मुकाबले शक्ति संतुलन के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी के भीतर उन्हें बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व के मजबूत प्रतिनिधि के रूप में माना जा रहा है।

अब सबकी निगाहें 14 दिसंबर पर टिकी हैं, जब यूपी बीजेपी को नया अध्यक्ष मिलेगा और 2027 विधानसभा चुनाव की दिशा तय करने की औपचारिक शुरुआत होगी।

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