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ईरान में फंसे लखनऊ के ज़ायरीन, परिजनों ने कहा – सरकार जल्द मदद करे

लखनऊ |  ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते युद्ध जैसे हालात ने दुनियाभर में चिंता पैदा कर दी है। इस बीच, ईरान में ज़ियारत पर गए भारतीयों, खासकर उत्तर प्रदेश के लखनऊ और अन्य शहरों से गए लोगों के परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है। हालांकि परिजनों का कहना है कि वो खुद को खतरे में नहीं समझते और वहां के लोग उन्हें पूरी इज्जत और सहयोग दे रहे हैं।

“हमें इमाम की हिफाजत पर यकीन है” – आरिफ आब्दी

लखनऊ निवासी आरिफ आब्दी ने बताया कि उनके परिवार के कुछ सदस्य लगभग 15 दिन पहले ज़ियारत के लिए ईरान गए थे।”वहां के स्थानीय लोग ज़ायरीनों की सेवा करते हैं, यह उनके लिए धार्मिक परंपरा है। हमें कोई खतरा महसूस नहीं हो रहा है। हमारी आस्था है कि हमारे इमाम हमारी हिफाजत करेंगे।“आरिफ ने यह भी बताया कि भारतीय दूतावास लगातार संपर्क में है और मदद कर रहा है। साथ ही उन्होंने एक भावनात्मक पहलू साझा करते हुए कहा:”कोई भी शिया मुसलमान जब ईरान जाता है, तो वह वहां से कफन और कर्बला की मिट्टी लाना चाहता है। अगर वहां मौत भी आ जाए, तो भी हमें अफसोस नहीं होता।”

 “फ्लाइट रद्द हो गई, पर लोग सुरक्षित हैं” – कंबर इमाम

लखनऊ के ही एक अन्य निवासी कंबर इमाम ने बताया कि उनके परिजन 27 तारीख को ईरान गए थे और 21 तारीख को लौटने वाले थे, लेकिन फ्लाइट रद्द हो गई है।”हमारे परिजन बिल्कुल सुरक्षित हैं। इजरायल की ओर से मिसाइल हमले हो रहे हैं लेकिन ईरान उन्हें रोकने में सक्षम है। अभी खतरे की स्थिति नहीं है।”

नेटवर्क समस्या और वतन वापसी की मांग

नवाब इकबाल, जिनके परिजन इस वक्त ईरान के मशहद शहर में हैं, ने बताया कि उनसे बात हो जाती है, लेकिन नेटवर्क कमजोर होने से कठिनाई हो रही है।”उनकी वापसी की फ्लाइट 20 जून को थी, लेकिन वह रद्द हो गई। अब नई तारीख 25 जून बताई गई है। हम सरकार से अपील करते हैं कि जैसे अन्य देशों से भारतीयों की वतन वापसी कराई गई, वैसे ही यहां से भी की जाए।”नवाब इकबाल ने भावनात्मक स्वर में कहा:”हमें इमाम हुसैन पर पूरा विश्वास है। अगर आखिरी सांस भी वहीं आए, तो हमें कोई पछतावा नहीं होगा।लेकिन हमें सरकार पर भी भरोसा है कि वो हर भारतीय को सुरक्षित घर लौटाएगी।

भारत सरकार का सहयोग

परिजनों का कहना है कि भारतीय एम्बेसी लगातार संपर्क में है, और सरकार हालात पर नजर बनाए हुए है। उम्मीद जताई जा रही है कि जरूरत पड़ने पर वतन वापसी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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